एक नए अध्ययन से पता चला है कि सुबह उठने पर लोगों का मस्तिष्क आमतौर पर सबसे अच्छी स्थिति में होता है। अध्ययन के परिणाम, मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण में समय, दिन और मौसम पर विचार करने के महत्व को इंगित करते हैं।
बीएमजे मेंटल हेल्थ में प्रकाशित एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया है कि लोगों का मूड अकसर आधी रात के आसपास सबसे खराब होता है, जबकि सुबह के समय वे सबसे बेहतर मानसिक स्वास्थ्य और खुशहाली महसूस करते हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में व्यवहार विज्ञान और स्वास्थ्य की प्रमुख अनुसंधानकर्ता फिफी बो (Feifei Bu) का कहना है कि सुबह आमतौर पर सभी लोगों के लिए सकारात्मक और बेहतर होती है।
शोध में मूड पर मौसम के प्रभाव स्पष्ट रूप से देखे गए। सप्ताह के दिनों की तुलना में सप्ताहांत के दौरान मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण में इस शोध में अधिक भिन्नता पाई गई।
उन्होंने कहा कि परिणाम न केवल इस बारे में बेहतर जानकारी प्रदान करते हैं कि दिन का समय लोगों के मूड को कैसे बदलता है, बल्कि वे लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर नज़र रखने और उनके इलाज के लिए भविष्य के प्रयासों को निर्देशित करने में भी मदद कर सकते हैं। क्योंकि दिन का समय भी उपचार को प्रभावित कर सकता है, अर्थात व्यक्ति किस समय कैसा महसूस करता है।
शोध में सप्ताह के दिन का प्रभाव कम स्पष्ट था, सप्ताह के दिनों की तुलना में सप्ताहांत के दौरान मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण में अधिक भिन्नता पाई गई। मूड पर मौसमी प्रभाव के स्पष्ट सबूत थे।
खुशी, जीवन संतुष्टि और सार्थक रेटिंग सभी सोमवार और शुक्रवार को रविवार की तुलना में थोड़ी अधिक थी, और मंगलवार को खुशी भी अधिक थी। लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं था कि सप्ताह के दिनों में अकेलापन अलग-अलग था।
इसके लिए दोहराए गए डेटा के एक बड़े नमूने पर काम किया गया जिसमे दो वर्षों में 49,000 प्रतिभागियों से लगभग एक मिलियन सर्वेक्षण प्रतिक्रियाएँ मिलीं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि उनके परिणाम मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण में समय, दिन और मौसम पर विचार करने के महत्व को उजागर करते हैं।