टेक्नोलॉजी कम्पनी स्पेसएक्स अपने मून मिशन में पूरे जतन से जुटा है। मिशन के तहत इंसान को चाँद पर ले जाने के सपने पर तेज़ी से काम हो रहा है।
टेक्नोलॉजी कंपनी स्पेसएक्स ने मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यान की परीक्षण उड़ानों की दर में तेजी से वृद्धि की उम्मीद में नए स्टारशिप रॉकेट इंजन का परीक्षण किया है।
स्टारशिप अब तक निर्मित सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली रॉकेट सिस्टम है, जिसकी लंबाई 120 मीटर और थ्रस्ट क्षमता 7.5 लाख किलोग्राम है।
जिस रॉकेट का उपयोग स्पेसएक्स के स्टारलिंक उपग्रहों को लॉन्च करने में किया जा रहा है, भविष्य में इससे नासा के आर्टेमिस मिशन के तहत इंसान को चाँद पर भेजने में इससे मदद ली जाएगी।
स्पेसएक्स का दावा है कि एक बार पूरी तरह से चालू होने पर, यह 150 टन से अधिक पेलोड और 100 यात्रियों को कक्षा में ले जाने में सक्षम होगा।
यह स्टैटिक फायर टेस्ट, स्पेसएक्स की ओर से स्टारशिप को पहली बार सफलतापूर्वक कक्षा में पहुँचाने के 11 दिन बाद लॉन्च किया गया।
Full-duration static fire of all six Raptor engines on Flight 4 Starship pic.twitter.com/HzS4SeaoEV
— SpaceX (@SpaceX) March 25, 2024
हालाँकि परीक्षण में अपर स्टेज रॉकेट और सुपर-हैवी बूस्टर नष्ट हो गए थे मगर परीक्षण के प्राथमिक उद्देश्य हासिल कर लिए गए, जो स्टारशिप के पूरा होने का एक स्पष्ट संकेत था।
प्रारंभ में, रॉकेट का उपयोग स्पेसएक्स के स्टारलिंक उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए किया जाएगा, जबकि भविष्य में इसका उपयोग नासा के आर्टेमिस मिशन के लिए किया जाएगा, जिसका उद्देश्य आधी सदी से अधिक समय के बाद इंसान को चाँद पर लेकर जाना है।