भारतीय मूल के अमेरिकी नील मोहन यूट्यूब के नए सीईओ होंगे। नील मोहन अब सुसान वोजिकी का स्थान ग्रहण करेंगे। सुसान वोजिकी ने नौ बरस तक इस ज़िम्मेदारी को सँभालने के बाद अपना इस्तीफा दे दिया है।
यूट्यूब के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर रहे नील मोहन काफी समय से वह सुसान वोजिकी के सहयोगी रहे हैं। यूट्यूब के सीईओ बनाए जाने पर नील मोहन ने खुशी जाहिर की। नील ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘धन्यवाद, सुसान वोजिकी, वर्षों से आपके साथ काम करना अद्भुत रहा है। आपने यूट्यूब को रचनाकारों और दर्शकों के लिए एक असाधारण घर बना दिया है। मैं इस महत्वपूर्ण मिशन को जारी रखने के लिए उत्साहित हूं।’
भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक नील मोहन इस समय अपनी पत्नी हेमा सरीम के साथ सैन फ्रांसिस्को में रह रहे हैं। नील मोहन ने साल 1996 में अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई की है। वर्ष 2005 में उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की पढ़ाई पूरी की।
सुसान वोजसिकी के इस्तीफे की घोषणा के बाद भारतीय-अमेरिकी नील मोहन यूट्यूब के अगले मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) होंगे।
(फाइल तस्वीर) pic.twitter.com/n9J3OiGeLz
— Fake Indian (@Fake_india45) February 17, 2023
अपने करियर की शुरुआत नील मोहन ने ग्लोरफाइड टेक्निकल सपोर्ट से की। इस पद पर उनकी सालाना आय 60,000 डॉलर थी। ग्लोरफाइड टेक्निकल सपोर्ट के बाद नील ने डबल क्लिक को ज्वाइन किया और 2008 में इसे गूगल ने खरीद लिया। उसी समय से नील मोहन गूगल कंपनी का हिस्सा बने हुए थे।
वर्ष 2015 में नील मोहन को यूट्यूब में चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर नियुक्त किया गया था। उन्होंने यूट्यूब में चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर हैसियत से शॉर्ट्स, म्यूजिक और सब्सक्रिप्शन पर फोकस किया। इस बीच नील मोहन को ट्विटर की ओर से भी नौकरी का ऑफर मगर गूगल उन्हें अपने साथ रखना चाहता था और इसके लिए गूगल ने बोनस का ऐलान कर दिया। इस बोनस के साथ गूगल ने नील मोहन को अगले तीन वर्षों के लिए अपने साथ कर लिया। गूगल ने उन्हें 544 करोड़ रुपए का बोनस दिया था।
नील मोहन यूट्यूब के अलावा कपड़ों और फैशन कंपनी स्टिच फिक्स के बोर्ड निदेशक की ज़िम्मेदारी भी संभाले हैं। साथ ही नील 23 एंड मी जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान कंपनी के निदेशक मंडल में भी हैं।
इस पद की ज़िम्मेदारी सँभालने वाले नील मोहन का पहला टारगेट यूट्यूब को प्रॉफिट में लाना है। इस वर्ष गूगल को अनुमानित सात बिलियन डॉलर कमाने का टारगेट रखा है। पिछले कुछ समय से टिकटॉक और फेसबुक की रील्स वाली शॉर्ट-फॉर्म वीडियो तथा नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफार्म के साथ प्रतिस्पर्धा के चलते यूट्यूब के विज्ञापन राजस्व में लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट आई है।