सैन डिएगो में किया जाने वाला एक अध्ययन बताता है कि अल्जाइमर रोग को रोकने के लिए भोजन के समय सावधानी बरतना उतना ही महत्वपूर्ण हो सकता है जितना कि आप क्या खाते हैं इसके बारे में सचेत रहना।
सेल मेटाबॉलिज्म जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि रुक-रुक कर उपवास करने से मस्तिष्क रोग का खतरा कम हो सकता है। वैज्ञानिक इन नतीजों के आधार पर मानव शरीर पर होने वाले प्रभावों की बात कर रहे हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन में किए गए इस अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला के चूहों के भोजन का समय दैनिक आधार पर छह घंटे तक सीमित कर दिया।
प्रयोग से पता चला कि भूखे चूहों की याददाश्त बेहतर थी और वे बाक़ी चूहों की तुलना में अधिक सक्रिय थे। भूखे चूहों की नींद में खलल भी कम हुआ और उनके मस्तिष्क में हानिकारक प्रोटीन का निर्माण भी कम हुआ, जो अल्जाइमर रोग का एक सामान्य संकेत है।
Sky News features exciting new research from the lab of UCSD Neurosciences Professor Paula Desplats re: potential benefits of intermittent fasting improvements in memory and a smaller build-up of amyloid (key markers of Alzheimer’s disease) https://t.co/q0UrddYCdO
— UC San Diego Neurosciences (@ucsdneurodept) August 22, 2023
शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रतिबंधित भोजन शरीर के प्राकृतिक संतुलन को बहाल करने में मदद कर सकता है और अल्जाइमर के रोगियों को नींद और दिनचर्या के बारे में भ्रम से निपटने में मदद कर सकता है।
अध्ययन की वरिष्ठ लेखक, डॉ. पाउला डेसप्लेट्स ने निष्कर्षों के बारे में बोलते हुए कहा कि यह अध्ययन शरीर की आंतरिक घड़ी और मस्तिष्क पर इसके प्रभाव के संदर्भ में भोजन के समय के महत्व पर प्रकाश डालता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि शोध के नतीजे मानव परीक्षण का मार्ग प्रशस्त करेंगे।