दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हिरासत का मुद्दा सीमा पार भी चर्चा का विषय है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को फ़्रीज़ किये जाने की बात भी अंतर्राष्ट्रीय पटल पर की जा रही है।
अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर पहले जर्मनी और उसके बाद अमरीका द्वारा टिप्पणी की गई है। हालाँकि इन प्रतिक्रियाओं पर भारत ने दोनों देशों के राजनयिकों को तलब करते हुए आपत्ति दर्ज कराने के साथ इस गिरफ़्तारी को अपना घरेलू मामला बताया।
इस बीच अमरीकी राजनयिक को तलब किए जाने पर अमरीका की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है। इस मामले पर अपनी बात में अमरीका ने हस्तक्षेप को एतराज़ से परे बताते हुए कहा है कि वह निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर क़ानूनी प्रक्रियाओं को अंजाम तक पहुँचाने का समर्थन करता है।
अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर के मुताबिक़ वो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी सहित अन्य कार्रवाइयों पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेंगे और उनका मानना है कि इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर अमेरिका ने फिर से टिप्पणी की है.
अमेरिका ने इस बार कांग्रेस के बैंक खाते फ़्रीज़ किए जाने का मुद्दा भी उठाया है.
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— BBC News Hindi (@BBCHindi) March 28, 2024
विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता के में अरविंद केजरीवाल पर अमरीका द्वारा की गई टिप्पणी पर भारत में मौजूद कार्यवाहक डिप्टी चीफ़ ऑफ़ मिशन ग्लोरिया बारबेना को तलब करने तथा कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को फ़्रीज़ किए जाने के बारे में जवाब तलब किया गया था।
इन मुद्दों पर निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर क़ानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित किये जाने की पैरवी करते हुए संयुक्त राज्य अमरीका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर का कहना है कि वो कांग्रेस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि आयकर विभाग ने उनके कुछ बैंक खातों को फ़्रीज़ कर दिया है। आगे उन्होंने कहा कि ऐसा करने से आगामी चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर के ये दावा किया था कि महज़ 14 लाख रुपये के टैक्स बकाये से जुड़े मामले में पार्टी के 285 करोड़ रुपये के फंड को रोक दिया गया है।
बताते चलें कि इससे पहले जर्मनी की तरफ से भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए निष्पक्ष सुनवाई की अपील की गई थी। इस मामले में भी भारत ने जर्मन दूतावास के उप प्रमुख जॉर्ज एन्ज़वीलर को तलब करके नाराज़गी जताई थी।