वकीलों ने न्यायालय पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की है। सीजेआई को एक पत्र के ज़रिये कानून को बनाए के साथ अदालतों के लिए खड़े होने की बात कही गई है। पत्र में एक साथ आने और मौजूदा समय में न्यायालय पर किए जा रहे हमलों के खिलाफ बोलने की जरूरत पर ज़ोर दिया गया है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को देश के 600 से ज़्यादा वकीलों की ओर से एक चिट्टी प्राप्त हुई है। चिट्ठी के माध्यम से वकीलों ने न्यापालिका की अखंडता पर खतरे को लेकर चिंता व्यक्त की है।
चीफ जस्टिस को लिखे इस पत्र में देश के जाने माने वकील सम्मिलित हैं जिनमे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा का नाम भी हैं।
पत्र में कहा गया है कि न्यायपालिका के कामकाज की गलत छवि पेश करने वाले कुछ खास समूह कथित तौर पर झूठे नैरेटिव का सहारा ले रहे हैं।
न्यापालिका पर जनता के विश्वास को डिगाये जाने की दलील के साथ पत्र में कहा गया है कि यह समूह इस वक्त की अदालतों की तुलना कोर्ट्स के एक कथित ‘स्वर्णिम युग’ से करते हैं, ताकि न्यायिक फैसलों को प्रभावित किया जा सके।
"न्यायपालिका पर एक खास ग्रुप का दबाव…", हरीश साल्वे समेत 600 वकीलों ने CJI को लिखी चिट्ठी
देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इस बीच वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पिंकी आनंद सहित देश के 600 से अधिक वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा… pic.twitter.com/cL3ydQR7M7
— AajTak (@aajtak) March 28, 2024
वकीलों द्वारा लिखे इस पत्र में कहा गया है कि कुछ ‘खास समूह’ न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं जिसका असर कोर्ट के फैसलों पर पड़ रहा है। आगे पत्र में कहा गया है कि यह समूह राजनीतिक एजेडों के तहत आधारहीन आरोप लगाकर न्यायपालिका की छवि के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास कर रहे हैं।
चिट्ठी में भ्रष्टाचार से जुड़े राजनीतिक चेहरों द्वारा इन हथकंडों के प्रतीत होने की बात कही गई है। पत्र में इन मामलों में अदालती फैसलों को प्रभावित करने और न्यायपालिका की छवि खराब करने के प्रयास सबसे अधिक जाहिर होने की बात कही गई है।