टोक्यो: विशेषज्ञों का कहना है कि जो महिलाएं अवसाद से पीड़ित होती हैं उनमें पुरुषों की तुलना में हृदय रोग विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (जेएसीसी) में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि अवसाद से पीड़ित महिलाएं हृदय संबंधी समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील थीं। तुलना करने पर पाया गया कि महिलाओं की संख्या उन आदमियों के मुक़ाबले अधिक थी जो महिलाओं की तरह ही डिप्रेशन से पीड़ित थे।
अवसाद दुनिया भर में बीमारी का तीसरा प्रमुख कारण है, जो दिल का दौरा, एनजाइना, स्ट्रोक और जल्द मौत सहित दिल का दौरा जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा है।
🫀People with depression face a higher risk of heart disease, but more women experience heart disease following a depression diagnosis than men, according to international researchershttps://t.co/35dkXZ89MH pic.twitter.com/qrVA1QFMmb
— Australian Science Media Centre (@AusSMC) March 18, 2024
जापान में टोक्यो विश्वविद्यालय में मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर डॉ. हिदेहिरो कानेको ने कहा कि शोध से अवसाद से पीड़ित लोगों को बेहतर उपचार रणनीति विकसित करने और हृदय संबंधी जोखिमों को रोकने में मदद मिल सकती है।
शोधकर्ताओं ने प्रारंभिक परीक्षण में प्रतिभागियों के वजन, ब्लड प्रेशर और फास्टिंग लेबोरेट्री टेस्ट के परिणामों को देखा। उन्होंने पाया कि अवसाद से ग्रस्त महिलाओं में पुरुषों की तुलना में हृदय रोग विकसित होने की संभावना अधिक होती है, जिससे दिल का दौरा, स्ट्रोक, एनजाइना, दिल की विफलता और अनियमित दिल की धड़कन हो सकती है।
अध्ययन के लिए, कानेको की टीम ने लगभग 4.2 मिलियन लोगों के डेटा की समीक्षा की, जो 2005 और 2022 के बीच जापानी स्वास्थ्य डेटाबेस में रजिस्टर्ड थे। उनमें से लगभग 24 लाख पुरुष थे।