गोरखपुर। पूर्वांचल में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने के लिये एम्स की स्थापना को लेकर नये सिरे से प्रयास शुरू हुये हैं। गोरखपुर में एम्स के लिए नई ज़मीन के तलाश शुरू हो गई है। इसे लेकर केंद्रीय टीम ने गोरखपुर का दौरा किया। जहां गन्ना शोध संस्थान परिसर की प्रस्तावित ज़मीन पर एम्स के लिये संभावना तलाशी।
गोरखपुर पहुंची एम्स की केन्द्रीय टीम का नेतृत्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के ज्वाइन्ट सेक्रेटरी सुनील शर्मा ने किया। टीम ने एक एक कर लगभग सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल की। इस केन्द्रीय टीम को गोरखपुर के डीएम ओएन सिंह ने बताया कि एक तरफ एनएच-28 है, जबकि दूसरी तरफ स्टेट हाइवे है। वहीं यहां से कुछ ही दूर पर रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट भी है।
गोरखपुर की यह जमीन एम्स के लिए बहुत अच्छी मानी जा रही है। केन्द्रीय टीम ने गन्ना शोध संस्थान परिसर की जिस जमीन का मुआयना किया वहां से हाईवे भी पास है और आबादी के करीब भी है। यहां से रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट भी करीब हैं। ऐसे में दूरदराज से मरीजों को यहां आने में बहुत आसानी होगी। गोरखपुर के कूड़ा घाट क्षेत्र में स्थित गन्ना शोध संस्थान परिसर के पास लगभग 130 एकड़ जमीन है। इस जमीन के अलावा एम्स स्थापना के लिये लगभग 70 एकड़ जमीन की और आवश्यकता है जो गोरखपुर विकास प्राधिकरण एम्स को उपलब्ध करायेगा। उम्मीद की जा रही है गोरखपुर के इस एम्स का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जुलाई को कर सकते हैं।
टीम के मेंबर्स ने शोध संस्थान की बिल्डिंगों के बारे में शोध संस्थान के कर्मचारियों से भी पूरी जानकारी मांगी। उन्होंने यह भी पूछा कि इन बिल्डिंगों को तोडऩे में कोई परेशानी तो नहीं होगी। जिस पर कर्मचारी ने जानकारी दी कि कुछ बिल्डिंग 1935, कुछ 1965 की बनी हुई है।
ज्वांइट सेक्रेटरी सुनील शर्मा ने साफ तौर पर कहा कि अगर अन्य संभावनाएं सही हों तो 100 एकड़ में भी एम्स बना सकता है। नागपुर में 100 एकड़ में भी एम्स का निर्माण हो रहा है।ऐसी ही कुछ संभावनाएं गोरखपुर में भी दिख रही है।
गौरतलब है कि लंबे समय से पूर्वांचल में एम्स के लिये प्रयास चल रहे हैं। केन्द्र और राज्य सरकार गोरखपुर में एम्स को लेकर प्रयासरत हैं। गौरतलब है कि गोरखपुर में एम्स की स्थापना से पूर्वांचल के एक बड़े हिस्से को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।