नेपाल ने शुक्रवार को जिस सौ रुपये के नए नोट को छापने की घोषणा की है, उसके मानचित्र को लेकर विवाद शुरू हो गया है। नेपाल का दावा है कि ये क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से नेपाल में हैं जबकि भारत इन क्षेत्रों को अपने देश का अभिन्न अंग मानता है।
दोनों देशों के मध्य यह विवाद लंबे समय से चल रहा है। नोट में छपे नक़्शे में विवादित स्थल लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को आसानी से देखा जा सकता है। इन क्षेत्रों को भारत अपने हिस्से में मानता है जबकि नेपाल के इस कदम को “कृत्रिम विस्तार” के साथ “अस्थिर करने वाला” बताया जा रहा है।
भारत और नेपाल के मध्य जिन क्षेत्रों की सीमा मिलती है वह राज्य हैं- सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड। यह सीमा करीब 1850 किलोमीटर से अधिक लंबी है। यहाँ स्थित लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा इलाक़ों पर भारत का अधिकार है।
नेपाल ने शुक्रवार को मैप के साथ 100 रुपये के नए नोट छापने का ऐलान किया. इन नोटों में भारत के इलाकों- लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को दिखाया गया है. एजेंसी के मुताबिक सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने कैबिनेट फैसले की जानकारी हुए बताया कि प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' की… pic.twitter.com/nRqK9C1D0x
— AajTak (@aajtak) May 4, 2024
सूचना और संचार मंत्री रेखा शर्मा ने सरकारी प्रवक्ता के तौर पर बताया कि प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में नेपाल के नए मानचित्र को सौ रुपये के नोट पर छापने का फैसला लिया गया। इस मानचित्र में लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को नेपाली सीमा के तहत दिखाया गया है।
बताते चलें कि 18 जून 2020 को नेपाल ने रणनीतिक रूप से अपने संविधान में संशोधन करते हुए लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को शामिल करने के साथ मानचित्र को अपडेट किया था। भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस फैसले को “एकतरफा कार्रवाई” बताया था।
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा के इलाक़ों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। ऐसे में नेपाल द्वारा जारी किया गया सौ रुए का नोट दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल बना सकता है।