अखरोट खाने की आदत ब्लड शुगर लेवल को कम करने और मधुमेह टाइप टू सुरक्षा देने में मददगार साबित हो सकती है।
यह बात अमेरिका में होने वाली एक चिकित्सा अनुसंधान में सामने आई।
टफटस विश्वविद्यालय अनुसंधान में बताया गया है कि अखरोट, सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन, मछली और वनस्पति तेल आदि के उपयोग से मधुमेह जैसे रोग से बचा जा सकता है।
शोध में कहा गया है कि वस्तु, चीनी और पाशविक वसा के विकल्प के रूप में अखरोट आदि का उपयोग सामान्य बना लेते स्वस्थ जीवन की कुंजी साबित होता है।
इस अध्ययन के दौरान 4600 व्यक्तियों को विभिन्न ाजज़ायपर होता भोजन प्रदान किया गया जिनमें वसा और कार्बोहाइड्रेट का ध्यान रखा गया।
इन खाद्य पदार्थों के चयापचय स्वास्थ्य यानी रक्त शर्करा, इंसुलिन, इंसुलिन प्रतिरोध और संवेदनशीलता पर प्रभाव पड़ा।
परिणाम से पता चला कि अखरोट और अन्य बीज होते फुट या वसा के ब्लड ग्लूकोज के स्तर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
शोधकर्ताओं का कहना था कि दैनिक कुछ मात्रा में अखरोट खाने को आदत बना लेते मधुमेह जैसे घातक रोग से पीड़ित होने का खतरा काफी कमी लाई जा सकती है।
यह अनुसंधान चिकित्सा पत्रिका जर्नल पलोस मीडीतियन में प्रकाशित हुई।
इससे पहले पिछले साल के एक अध्ययन में बताया गया था कि रोजाना दो अखरोट खाना हृदय रोग से बचाने में मददगार साबित हो सकता है।
शोध के अनुसार अखरोट में ऐसे परोटीनज़, विटामिन, मरल्स और निटस होते हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम रखने में मददगार होते हैं जो दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि परिणाम से इस बात का संकेत मिलता है कि खातों जैसे अखरोट खून की धमनियों से संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं।
उन्होंने बताया कि अखरोट खाने से कोलेस्ट्रॉल, गलीसर्वल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और एपी ओबी के स्तर में कमी आती है।
नोट: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। पाठकों इस संबंध में अपने चिकित्सक से भी अवश्य सलाह लें।