ब्रिटेन में 500,000 सिविल सेवक वेतन में वृद्धि न होने के कारण हड़ताल पर चले गए। यही नहीं देश भर में विरोध रैलियों का भी आयोजान किया गया है। ब्रिटेन में होने वाली इस हड़ताल से ऋषि सुनक सरकार की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
ब्रिटेन में होने वाली हड़ताल में एंबुलेंस, ट्रेन, बस और सीमा बल के कर्मचारियों सहित 124 विभागों के 5 लाख कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के कारण बुधवार को कार्यालय के कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
Britain strike: ब्रिटेन में हजारों कर्मचारी हड़ताल पर, वेतन वृद्धि को लेकर ट्रेन-बस चालकों का कार्य बहिष्कार#Britain #strike #salaryhike #UpdateNewshttps://t.co/6TJQAA5DMN
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) February 1, 2023
कर्मचारियों की इस हड़ताल के कारण स्कूल, विश्वविद्यालय, ट्रेन और बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। इस विरोध के चलते देश भर में 75 से अधिक विरोध रैलियां आयोजित की गईं। इन हालात में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कई लोगों को पिछले साल 5% से कम की वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया था, वहीं मुद्रास्फीति 10% से ऊपर चढ़ गई थी।
400,000 से अधिक शिक्षकों की हड़ताल के कारण लगभग 85 प्रतिशत स्कूल और 150 विश्वविद्यालय आंशिक या पूर्ण रूप से बंद रहे। विरोध-प्रदर्शनों में नज़र आने वाली भीड़ से अंदाज़ा हो रहा है कि एक दशक बाद ब्रिटेन में इतनी बड़ी हड़ताल हो रही है। प्रधान मंत्री ऋषि सुनक की सरकार पर देश में वेतन पर अधिक उदार प्रस्ताव बनाकर सार्वजनिक क्षेत्र के श्रमिकों के साथ विवादों को हल करने का दबाव बढ़ रहा है।
ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के मुताबिक़ 2023 के पहले तीन महीनों में अर्थव्यवस्था के पिछड़ने की उम्मीद के साथ, साल की अंतिम तिमाही में बड़े पैमाने पर मिले झटकों ने ब्रिटेन को तकरीबन 1.85 बिलियन डालर के नुकसान की उम्मीद जताई है।