नाटो के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक ब्रसेल्स में संपन्न हुई, जहां यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले पर चर्चा हुई।
ब्रसेल्स में नाटो मुख्यालय में हुई बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि हमने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध से बनी स्थिति पर दुनिया पर चर्चा की।
यदि राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन में जीतते हैं, तो यह दुनिया भर के सत्तावादी नेताओं को एक खतरनाक संदेश जायेगा कि वे बल के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। विदेश मंत्रियों ने रूस के साथ चीन के बढ़ते संबंधों पर भी चर्चा की।
महासचिव ने कहा कि मित्र राष्ट्रों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रूस को घातक सहायता का चीन का प्रावधान एक ऐतिहासिक गलती होगी जिसके गहरे निहितार्थ होंगे।
जैसा कि बीजिंग और मास्को नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के खिलाफ पीछे धकेलते हैं, नाटो सहयोगियों और समान विचारधारा वाले भागीदारों के लिए एक साथ खड़े होना और भी महत्वपूर्ण है, उन्होंने जोर दिया।
नाटो प्रमुख ने कहा कि इससे पहले गठबंधन के विदेश मंत्रियों ने अस्थिरता, आतंकवाद और रूस और चीन की बढ़ती गतिविधियों सहित मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में खतरों और चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने रक्षा खर्च बढ़ाने के महत्व पर भी चर्चा की।
बैठक के आखिरी सत्र में नाटो के विदेश मंत्रियों ने इंडो-पैसिफिक पार्टनर ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोरिया के साथ भी चर्चा की। जबकि कल फ़िनलैंड ने NATO के 31वें सदस्य देश के रूप में अपना स्थान ग्रहण किया।