एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 2023 में वैश्विक फुटवियर बाजार का मूल्य 386.73 बिलियन डॉलर था। इसी रिपोर्ट से खुलासा होता है कि 2023 में भारतीय फुटवियर बाजार का मूल्य 15.92 बिलियन डॉलर था।आज जूते और चप्पल का जो रूप हम देखते हैं, यह एक दिन में नहीं बना। इसके पीछे एक धुंधला मगर बहुत पुराना इतिहास है।
बहुत से लोग मानते हैं कि जूतों का आविष्कार प्राचीन रोमनों या यूनानियों ने किया था, लेकिन सच्चाई कुछ और है। हालाँकि रोमन और यूनानी सभ्यता के लोग विभिन्न प्रकार के जूते-चप्पल विकसित करने वाले प्रथम लोगों में से थे, लेकिन इनमें से कोई भी सभ्यता जूते या सैंडल का आविष्कारक नहीं है।
यूनानी देवता हर्मीस जिन्हें रोमन बुध के रूप में जानते हैं, उनको अकसर पंख वाले चप्पल के साथ चित्रित किया जाता है। दरअसल जूतों का आविष्कार करने का श्रेय किसी को नहीं दिया जाता, क्योंकि वे हजारों वर्षों से अस्तित्व में हैं। सबसे पुराने जूते छाल से बने सैंडल हैं, जिनका इतिहास 7000-8000 ईसा पूर्व का है।
सेजब्रश (एक पौधा) छाल से बने चप्पल 1938 में ओरेगन की एक गुफा में खोजे गए थे, और इस तरह से इन्हे सबसे पुराने ज्ञात चप्पल के रूप में जाना गया।
इसी प्रकार, 2008 में आर्मेनिया की एक गुफा में एक प्राचीन जूता मिला था, जानकारों द्वारा बताया गया कि इसका समय 3500 ईसा पूर्व है।
इस श्रंखला में एक और जूते का प्रकार आता है जिसे आइसमैन जूते कहते हैं। ये जूते 3300 ईसा पूर्व के हैं और इसने बनाने के लिए भूरे भालू की खाल, हिरण की खाल और छाल के धागे का प्रयोग किया गया था।
चप्पल का सबसे पुराना ज्ञात उदाहरण वर्तमान से लगभग 10,900 साल पहले का है, जो सेजब्रश की छाल से बना है और वर्तमान अमरीकी राज्य ओरेगन से आता है।
प्राचीन मिस्र में भी सैंडल पाए गए हैं, इस सभ्यता में केवल महत्वपूर्ण लोग ही चप्पल पहनते थे। प्राचीन मिस्र में पपीरस, चमड़े और लकड़ी सहित अन्य सामग्रियों से चप्पल बनाई जाती थी।