कोलोराडो में किये गए एक नए शोध से पता चलता है कि किसानों और कृषि क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को धूम्रपान जितना ही कैंसर का खतरा कीटनाशकों से होता है।
फ्रंटियर्स इन कैंसर कंट्रोल एंड सोसाइटी नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में पाया गया कि पर्यावरण कीटनाशकों की मौजूदगी और ल्यूकेमिया, नॉन-हॉजकिन लिंफोमा, मूत्राशय, फेफड़े और अग्नाशय के कैंसर सहित कई कैंसर के बीच एक मजबूत संबंध है।
कोलोराडो में रॉकी विस्टा यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ ओस्टियोपैथिक मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन लेखक इसिन ज़पाटा ने कहा कि यह कोई एक कीटनाशक नहीं है जो कैंसर के खतरे को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है, बल्कि विभिन्न कीटनाशकों का एक संयोजन है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि वातावरण में, कैंसर की घटनाओं पर कीटनाशक के उपयोग का प्रभाव धूम्रपान के प्रभाव के बराबर था।
शोध लेखकों ने संयुक्त राज्य अमरीका के विभिन्न क्षेत्रों में इन कैंसर की दरों और कीटनाशकों के उपयोग के बीच संबंध की जांच करने के लिए सीडीसी, कृषि विभाग और अमरीकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण सहित स्रोतों से जनसंख्या और भौगोलिक डेटा का उपयोग किया।
रॉकी विस्टा यूनिवर्सिटी में रिसर्च और सांख्यिकी के सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक, इसैन ज़ापाटा कहते हैं- “हमने पाया कि हर कैंसर प्रभावित होता है। ठीक वैसे ही जैसे कीटनाशकों से हर चीज़ प्रभावित होती है। और यह धूम्रपान में दिखने वाले कैंसर से बहुत मिलता-जुलता है। अगर आप धूम्रपान की मात्रा बढ़ाते हैं, तो आप हर कैंसर के लिए अपने जोखिम को बढ़ाते हैं।”
इस संबंध में अपना विचार व्यक्त करते हुए शोधकर्ताओं का कहना है कि जियोलॉजिकल सर्वे से पता चलता है कि लोग एक ही कीटनाशक के संपर्क में नहीं आते हैं। उनके क्षेत्र में कीटनाशकों का मिश्रण होता है जो मनुष्यों को संक्रमित करने की उनकी क्षमता को बढ़ाता है।