केरल के कोझिकोड जिले में एक बेहद खतरनाक और जानलेवा वायरस ने अपना ठिकाना बना लिया और यह तेज़ी से केरल के कुछ इलाकों में फैला रहा है. यह वायरल बेहद ही खतरनाक बताया जा रहा है. इस तेज़ी से फैलने वाले वायरस का नाम है ‘निपाह’ वायरस. अब तक 10 लोग इसकी चपेट में आ चुके है, इन सभी लोगों की इस वायरस के उनके शरीर में प्रवेश करने की वजह से उकी मौत हो गयी है.जबकि 6 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बेहद खतरनाक वायरस से पीड़ित 25 मरीजों को निगरानी में रखा गया है. इस वायरस से जुड़ी और जानकारियां हासिल करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने भी प्रभावित जिले में एक टीम भेज दी है. साथ ही केरल सरकार सभी लोगों को इस जानलेवा वायरस के बारी में जानकारी देकर लोगों को इससे अवगत रहने के सन्देश दी रही है. अब नुम आपको बताते है कि वायरस के शरीर में प्रवेश करने के क्या है लक्षण-
निपाह वायरस को NiV इंफेक्शन भी कहा जाता है. इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, सिरदर्द, जलन, चक्कर आना, भटकाव और बेहोशी शामिल है. अगर आप इस वायरस की चपेट में आना नहीं चाहते तो फौरन यह लक्षण होते ही डॉक्टर से संपर्क करें.
आपको बता दें कि, इस इंफेक्शन से पीड़ित मरीज को अगर तुरंत इलाज न मिले तो 48 घंटे के अंदर मरीज कोमा में जा सकता है. WHO की मानें तो इस वायरस से लड़ने के लिए अब तक कोई टीका (वैक्सीन) विकसित नहीं किया गया है और इस वायरस से पीड़ित मरीजों को इंटेसिव सपॉर्टिव केयर देकर ही इलाज किया जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वायरस बढ़ी ही तेजी से फैलता है और ज्यादातर केसेज में जानलेवा साबित होता है. एक खास तरह का चमगादड़ जिसे फ्रूट बैट कहते हैं जो मुख्य रूप से फल या फल के रस का सेवन करता है, वही निपाह वायरस का मुख्य वाहक है.
यह बेहद ही खतरनाक वायरस है जिसकी वक़्त रहते जांच नहीं की गयी तो यह चंद पलों में घातक साबित हो सकता है. यह दुर्लभ और खतरनाक वायरस संक्रमित सूअर, चमगादड़ से इंसानों में फैलता है. इसके अलावा NiV इंफेक्टेड व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैलता है. वहीँ डॉक्टर्स का कहना है कि, फ्रूट बैट्स की वजह से यह बीमारी मुख्य रूप से फैलती है.
डॉक्टर्स का यह भी कहना है कि, जब इंसान या कोई जानवर चमगादड़ों द्वारा झूठे किए फल या सब्जियों को खाते हैं तो उनमें भी यह वायरस फैल जाता है. इसलिए सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी है कि जमीन पर गिरे फल न खाए जाएं.या खराब फल ना खाएं