मक्का में हज की रस्में आज से शुरू हो गई हैं। हज के पहले फेज़ में, लाखों तीर्थयात्री लब्बैक अल्लाह हुम्मा लब्बैक की आवाज़ बुलंद करते मीना के लिए रवाना हुए, जहां वे रुकेंगे। तीर्थयात्री बसों से मीना पहुंचेंगे।
इस्लामिक कैलेण्डर से 1445 हिजरी सन में हज करने के लिए दुनिया भर से 15 लाख से अधिक तीर्थयात्री सऊदी अरब पहुंचे।इस साल सऊदी अरब से लगभग 400,000 स्थानीय तीर्थयात्री। भारत से इस वर्ष करीब 175,000 लोग हज में शामिल हो रहे हैं।
हज की रस्में अदा करने के लिए तीर्थयात्री सबसे पहले बैतुल्लाह शरीफ की परिक्रमा करते हैं, जिसे तवाफ-ए-क़दूम कहा जाता है, जिसके बाद तीर्थयात्री मीना पहुंचते हैं।
हज की ख़ास रस्म शनिवार 15 जून को अदा की जाएगी। लाखों लोग मीना में रहने के दौरान नमाज अदा करेंगे और शनिवार सुबह अराफात मैदान के लिए रवाना होंगे।
अराफात में हज का खुतबा (उपदेश) सुनने के बाद जुहर और अस्र की नमाज एक साथ अदा की जाएगी। मगरिब से पहले, तीर्थयात्री मुजदलिफा के लिए रवाना होंगे और वहां वे मगरिब और ईशा की नमाज एक साथ अदा करेंगे। मुज़दलिफ़ा में तीर्थयात्री शैतान को मरने के लिए कंकड़ इकट्ठा करेंगे।
इतवार की सुबह, तीर्थयात्री मीना लौटेंगे और शैतान को कंकर मरने की रस्म के बाद क़ुरबानी की रस्म पूरी होगी। इसके साथ ही तीर्थयात्री अपना हज पूरा करेंगे।
सऊदी अरब के अधिकारियों के मुताबिक़ इस बीच मक्का का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। सऊदी प्रशासन ने हाजियों की यात्रा आसान बनाने के लिए खास उपाय किए हैं।
ग्रैंड मस्जिद में लगाए गए मिस्टिंग फैन गर्मी से राहत पहुंचान में मदद करते हैं। इसके अलावा, काबा के पास एयर कंडिशंड स्पेस बनाए गए हैं, रास्तों को छातों से कवर करने के साथ फर्श को सफ़ेद रंगा गया है। बताया जा रहा है कि इस व्यवस्था से टेंपरेचर कम करने में कामयाबी मिलती है।
प्रशासन की ओर से करीब 32 हज़ार मेडिकल प्रोफेशनल को तैनात किया गया है। करीब पांच हजार डॉक्टर और सनस्ट्रोक के ट्रीटमेंट के लिए 183 हेल्थकेयर और इंटेनसिव केयर यूनिट लगाई गई हैं। मक्का और मदीना में मोबाइल क्लीनिक व्यवस्था की गई हैं। जगह जगह मेडिकल सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।