वैसे तो रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजाना कितने गिलास पानी पीने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो जाता है।
वैसे तो अभी तक पानी पीने और दिल के दौरे को रोकने के बीच सीधा संबंध साबित नहीं हुआ है, लेकिन यह भी हकीकत है कि पानी खून को गाढ़ा होने से रोकता है, जो दिल के दौरे का एक कारण है।
निर्जलीकरण (Dehydration) के कारण रक्त गाढ़ा हो सकता है, जिससे रक्त के थक्के बनने और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, पानी ब्लड प्रेशर को भी काबू में रखने में भी मदद करता है।
पर्याप्त पानी सामान्य रक्तचाप बनाए रखने में मदद करता है, जो दिल की बीमारी से सुरक्षा करता है। इसके अलावा, यदि शरीर में पानी की कमी नहीं होती है, तो हृदय के लिए रक्त पंप करना आसान हो जाता है, जिससे हृदय पर दबाव कम हो जाता है।
नेशनल हार्ट, लंग और ब्लड इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि उचित मात्रा में पानी का सेवन गंभीर हृदय समस्याओं को कम करने या रोकने में मदद कर सकता है।
अध्ययन ने 25 साल की अवधि के डेटा के आधार पर 45-66 वर्ष की आयु के 11,000 से अधिक वयस्कों की हाइड्रेशन आदतों और हृदय स्वास्थ्य की समीक्षा की। अध्ययन शुरू होने पर प्रतिभागियों को दिल की विफलता, मधुमेह या मोटापे का कोई इतिहास नहीं था।
शोधकर्ताओं ने प्रत्येक व्यक्ति के रक्त में सोडियम के स्तर को देखा, जिसे सीरम सोडियम भी कहा जाता है। जैसे-जैसे शरीर के तरल पदार्थ का स्तर घटता है, सीरम सोडियम का स्तर बढ़ता जाता है।
वयस्कों को आम तौर पर प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए, लेकिन ध्यान रखें कि हृदय के स्वास्थ्य के लिए केवल पानी ही नहीं, बल्कि संतुलित आहार, व्यायाम, नींद और तनाव प्रबंधन भी महत्वपूर्ण हैं।
अध्ययन के बारे में शोधकर्ताओं ने कहा कि सोडियम का स्तर बहुत अधिक होने पर हृदय कमजोर या कठोर हो सकता है।और इससे रक्तचाप बढ़ सकता है।