चेन्नई। तमिलनाडु की सीएम जे जयललिता का सोमवार देर रात को निधन हो गया। जयललिता 22 सितंबर से यहां के अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं। जयललिता को रविवार को दिल का दौरा पड़ा था। रविवार से ही उनके स्वास्थ्य को लेकर कई तरह अटकलें लगाई जा रही थीं। आखिरकार सोमवार देर रात 12 बजे के बाद उनके निधन की आधिकारिक पुष्टि कर दी गई। jayalalitha
68 वर्षीय जयललिता के निधन की खबर के बाद अस्पताल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई है। समर्थकों ने अस्पताल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया है। खास तौर महिलाओं ने बड़ी संख्या में पहुंच कर वहां रोना शुरू कर दिया है। अस्पताल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
अपोलो अस्पताल ने रविवार को बयान जारी कर जया को कार्डियक अरेस्ट होने की जानकारी दी थी। जयललिता को ECMO और दूसरे लाइफ सपॉर्ट सिस्टम्स पर रखा गया था और उन्हें लगातार डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद जयललिता को बचाया नहीं जा सका। जयललिता को दिल का दौरा पड़ने के बाद उनकी सलामती के लिए पूरे देश से दुआओं का दौर जारी था। बता दें कि जया को बुखार और डिहाइड्रेशन की शिकायत के बाद 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
तमिलनाडु की राजनीति में ‘अम्मा’ के नाम से मशहूर जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को एक रूढ़िवादी तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। जन्म के समय जयललिता को उनकी दादी का नाम कोमलावल्ली दिया गया था। छह बार तमिलनाडु की सीएम रहीं जयललिता को शुरुआती लोकप्रियता एक नेता के तौर पर नहीं बल्कि ऐक्ट्रेस के तौर पर मिली थी। जयललिता ने चेन्नै में क्लासिकल म्यूजिक, वेस्टर्न क्लासिकल पियानो और कई तरह के क्लासिकल डांस की ट्रेनिंग ली थी। तमिल सिनेमा में नाम कमा चुकीं जयललिता का राजनीतिक करियर 1982 में शुरू हुआ। दक्षिण भारत की राजनीति के आइकॉन और AIADMK के संस्थापक मरुदुर गोपालन रामचंद्रन (MGR) 1982 में इस खूबसूरत हिरोइन को राज्य की राजनीति में लेकर आए थे।
1987 में एमजीआर की मृत्यु ने तमिलनाडु की राजनीति के साथ-साथ AIADMK के भीतर भी भूचाल ला दिया। पार्टी जयललिता और एमजीआर की पत्नी जानकी रामचंद्रन के बीच दो हिस्सों में टूट गई। वर्चस्व की यह लड़ाई इतनी भयानक हुई कि जयललिता को उनके राजनीतिक अभिभावक एमजीआर के अंतिम संस्कार में शामिल भी नहीं होने दिया गया।
AIADMK में कई उतार-चढ़ाव के बाद भी जयललिता तमिलनाडु की राजनीति में कद्दावर नेता बनकर उभरीं। जयललिता 1991 में पहली बार कांग्रेस की मदद से तमिलनाडु की सबसे कम उम्र की सीएम बनीं। इसके बाद जयललिता ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2016 के विधानसभा चुनावों में जयललिता ने सत्ता परिवर्तन की परिपाटी को ध्वस्त कर दिया था और जयललिता के नेतृत्व में AIADMK ने कांग्रेस और डीएमके के गठबंधन को धूल चटा 134 सीटें जीतने में सफलता पाई थी। जीत के बाद जयललिता छठी बार राज्य की सीएम बनी थीं। jayalalitha