चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, मीठा खाने से एक तरह की ख़ुशी तो मिलती है, लेकिन इससे अन्य अनावश्यक बीमारियाँ भी हो सकती हैं, खासकर अधिक वजन, मोटापा और शुगर।
विशेषज्ञों के अनुसार, मिठाई खाने से हमारे मस्तिष्क से एंडोर्फिन हार्मोन निकलता है, जिससे हमें खुशी महसूस होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम बेतरतीब ढंग से मिठाई खाना शुरू कर दें।
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक चीनी खाने से समस्या तब होती है जब हम उचित शारीरिक श्रम या व्यायाम नहीं करते हैं। ऐसे में समस्या बढ़ जाती है।
अमरीकी हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, एक आदमी को प्रतिदिन 36 ग्राम या 150 कैलोरी और महिलाओं को 25 ग्राम या 100 कैलोरी से ज्यादा चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।
उनके अनुसार, शारीरिक गतिविधि के आधार पर पर्याप्त मात्रा में चीनी या उससे बने उत्पादों का सेवन करना जरूरी है ताकि हमारे शरीर को आवश्यक मात्रा की पूर्ति हो सके।
वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस द्वारा जारी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, 2035 तक दुनिया में 51 प्रतिशत या 4 अरब लोग अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त होंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, इसके साथ ही बच्चों में मोटापा दोगुनी रफ्तार से बढ़ेगा, जबकि लड़कियों में मोटापे की दर लड़कों की तुलना में दोगुनी से भी ज्यादा होगी, जिसका मुख्य कारण चीनी का अत्यधिक सेवन है।
अमरीकी हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, एक आदमी को प्रतिदिन 36 ग्राम या 150 कैलोरी से अधिक चीनी नहीं खानी चाहिए। साथ ही महिलाओं को 25 ग्राम या 100 कैलोरी से ज्यादा चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, 80 के दशक के मध्य या 90 के दशक के मध्य में अमीर परिवारों के लोगों में वजन बढ़ने और मधुमेह की समस्या देखी गई थी।
ऐसा इसलिए था क्योंकि तब चीनी खाना विलासिता या आनंद का एक स्रोत था लेकिन अब पिछले 15 वर्षों में बच्चों को भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनके पास खाने-पीने में मिठाइयों के कई विकल्प हैं।