न्यूयॉर्क: हालांकि लंबे समय तक बैठे रहने के हानिकारक प्रभावों को पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, इससे मोटापा, रक्तचाप और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।ऐसे में बीच-बीच में पांच मिनट टहल कर इसके हानिकारक प्रभावों को दूर किया जा सकता है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 65 से 80 फीसदी शहरी आबादी दिन भर बैठी रहती है, जिसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है और कई बीमारियां हो सकती हैं। कोविडकाल के दौरान भी दुनिया भर में बड़ी आबादी काम के लिए एक कुर्सी और डेस्क तक ही सीमित थी।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के अनुसार हर तीस मिनट में पांच मिनट टहलना बैठने के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन जोर देकर कहता है कि गतिहीन दिनचर्या हड्डियों को कमजोर करता है, मांसपेशियों को सिकोड़ता है और इसके बेहद बुरे परिणाम सामने आते हैं। बीच-बीच में पांच मिनट टहल कर इन हानिकारक प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में 12 जनवरी को प्रकाशित एक पेपर के अनुसार, हर तीस मिनट में पांच मिनट टहलना बैठने के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है। यह शोध कोलंबिया यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने किया है।
इसके लिए कुछ लोगों को भर्ती किया गया और सभी को आठ घंटे आराम से कुर्सी पर बैठकर कंप्यूटर पर काम करना पड़ा या आलस्य में फोन का इस्तेमाल करना पड़ा। दो समूहों में विभाजित लोगों को बीच-बीच में व्यायाम या शारीरिक गतिविधि करने के लिए कहा गया और कुछ लोगों को ब्रेक लेने पर हल्का नाश्ता दिया गया।
इस प्रक्रिया के दौरान विशेषज्ञों ने स्वयंसेवकों की मनोवैज्ञानिक और शारीरिक स्थितियों का अध्ययन किया। इनमें मनोदशा, थकान, मानसिक और संज्ञानात्मक स्थिति, रक्तचाप, रक्त शर्करा और अन्य कारक शामिल थे। अब, जो लोग हर आधे घंटे में पांच मिनट की सैर करते थे, उन्होंने बैठने के नकारात्मक प्रभावों को कम देखा।
इसी वजह से विशेषज्ञों ने कहा है कि दफ्तरों में काम करने वाले लोगों को यह आदत अपनानी चाहिए और संस्थानों को भी इसे बढ़ावा देना चाहिए।