फैक्ट चेकर जुबैर को सद्भावना के लिए एम के स्टालिन ने सांप्रदायिक सद्भाव पुरस्कार से सम्मानित किया है।
स्टालिन ने 75वें गणतंत्र दिवस समारोह पर ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को यह पुरस्कार प्रदान किया। ज़ुबैर ने तमिलनाडु के खिलाफ झूठी खबरों को फैलने से रोकने के साथ जाति, धर्म, नस्ल और भाषा के आधार पर होने वाली हिंसा को रोकने में सहयोग दिया था।
गौरतलब है कि मार्च 2023 में सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर हमले हो रहे हैं। इस खबर के साथ ही वीडियो क्लिप भी वायरल हुए थे।
मोहम्मद जुबैर ने इन वीडियो की सत्यता की पड़ताल के बाद ऑल्ट न्यूज पर इसके फेक होने की बात स्पष्ट की थी और बतया था कि तमिलनाडु में ऐसा कोई हमला नहीं हुआ था।
ज़ुबैर के इन प्रयासों की बदौलत तमिलनाडु के खिलाफ झूठी खबरों को फैलने से रोकने के साथ जाति, धर्म, नस्ल और भाषा के आधार पर होने वाली हिंसा को रोकने में मदद मिली थी।
सरकार की ओर से मिलने वाली जानकारी से पता चलता है कि सांप्रदायिक सद्भावना बनाए रखने में जुबैर द्वारा दी गई सेवाओं के लिए उन्हें वर्ष 2024 के लिए कोट्टई अमीर सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
गौरतलब है कि सांप्रदायिक सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2000 में तमिलनाडु सरकार ने कोट्टई अमीर सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की थी। मोहम्मद जुबैर कृष्णागिरी जिले के देनकनिकोट्टई तालुका के निवासी हैं।
बताते चलें कि जुबैर पर साल 2022 में उत्तर प्रदेश में कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के सम्बन्ध में 6 मामले दर्ज हुए थे। ये मामले यूपी के हाथरस, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद में दर्ज किए गए थे। जुबैर पर एक केस दिल्ली में भी हुआ था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को सभी मामले में जमानत दे दी थी।
मोहम्मद जुबैर के खिलाफ कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने, न्यूज एंकर पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करने, हिंदू देवताओं का अपमान करने तथा भड़काऊ पोस्ट डालने के आरोप में केस दर्ज हुए थे।