अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को देश के अंतिम रासायनिक हथियारों के भंडार को नष्ट किये जाने की घोषणा की है। इस उपलब्धि को न केवल रासायनिक हथियार समझौते के तहत दीर्घकालिक प्रतिबद्धता पूर्ती माना जा रहा है बल्कि ऐसा पहली बार है कि किसी अंतर्राष्ट्रीय इकाई ने सामूहिक विनाश वाले हथियारों की पूरी श्रंखला के विनाश पर प्रतिबद्धता दिखाई है।
इसके साथ ही जो बाइडेन ने शेष देशों को रासायनिक हथियार समझौते में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया है ताकि रासायनिक हथियारों पर वैश्विक प्रतिबंध अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सके।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बयान में कहा “30 से अधिक वर्षों से अमेरिका ने अपने रासायनिक हथियारों के भंडार को खत्म करने के लिए अथक प्रयास किया है।”
आगे राष्ट्रपति बाइडेन कहते हैं- ”आज मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि हमने उस भंडार में अंतिम गोला-बारूद को सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया है, जिससे हम रासायनिक हथियारों की भयावहता से मुक्त दुनिया के एक कदम और करीब पहुंच गए हैं।”
आज #Duniyadari में-
– अमेरिका लगभग साढ़े 03 लाख करोड़ रुपये लगाकर अपने रासायनिक हथियार क्यों नष्ट कर रहा है?
– टाइटन पनडुब्बी भेजने वाली कंपनी ओशनगेट अब क्या करने वाली है?
– मलेरिया की पहली वैक्सीन अफ़्रीका पहुंची. क्या फायदा होगा?
– और, नीदरलैंड्स लूट का सामान किसे लौटा रहा… pic.twitter.com/wGg0mo5Eh9— The Lallantop (@TheLallantop) July 7, 2023
प्रेजिडेंट बाइडेन ने उन सभी अमरिकियों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक इस बड़े और चुनौतीपूर्ण मिशन के लिए अपनी प्रतिभा और समय दिया।
प्रेजिडेंट बाइडेन ने प्रशासनों द्वारा हथियारों को फिर कभी विकसित या इस्तेमाल नहीं किये जाने की भी बात कही।
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि रूस और सीरिया को रासायनिक हथियार समझौते के अनुपालन में लौटना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें अपने अघोषित कार्यक्रमों की जानकारी भी साझा करनी चाहिए।