तिब्बत के जसिटस कमीशन के चीफ जस्टिस सोनम नोरबू दागपो ने पद एवं गापनियता की शपथ दिलाई। कोरोना कर्फ्यू की बंदिषों के चलते समारोह में लोबसांग सांगये व डिप्टी स्पीकर आचार्य येषी फुतंषोक को ही बुलाया गया था।
धर्मशाला। तिब्बत की निर्वासित सरकार के नये प्रधानमंत्री के तौर पर पेंपा सेरिंग की आज पद एवं गोपनियता की शपथ के साथ ताजपोशी हो गई। कोविड महामारी के खतरे के चलते शपथ ग्रहण समारोह धर्मशाला में तिब्बत सरकार के मुख्यालय में आयोजित किया गया जिसमें दलाई लामा ने अपने आवास से ही आनलाईन संबोधित करते हुये नई नियुक्ति पर खुशी जताई।
इससे पहले निर्वतमान प्रधानमंत्री लोबसांग सांगये ने पेंपा सेरिंग को सम्मानित किया। लंबी चुनावी प्रक्रिया संपन्न होने के बाद तिब्बत की निर्वासित सरकार के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर पेंपा सेंरग की गुरूवार को कमान मिली है। वह लोबसांग सांगये का स्थान लेंगे। तिब्बत के जसिटस कमीशन के चीफ जस्टिस सोनम नोरबू दागपो ने पद एवं गापनियता की शपथ दिलाई। कोरोना कर्फ्यू की बंदिषों के चलते समारोह में लोबसांग सांगये व डिप्टी स्पीकर आचार्य येषी फुतंषोक को ही बुलाया गया था।
आने वाले समय में पेंपा सेरिंग को कई चुनौतियों का सामना करना पडेगा जिससे उनकी राहें अब आसान नहीं हैं। यह नियुक्ति बाकायदा चुनावी प्रक्रिया के साथ संपन्न हुई है। दरअसल निर्वासित तिब्बत की 17 वीं संसद के चुनाव पूरे लोकतांत्रिक तरीके से संसार के 23 देषों में कराये गये जहां निर्वासन में तिब्बती रह रहे हैं चुनावी प्रक्रिया में तिब्बतीयों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया था हालांकि इस दौरान कोविड महामारी का जोखिम भी था
उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में 83 हजार रजिस्टर्ड मतदाताओं के मुकाबले इस बार 63 हजार 991 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया लिहाजा 77 फीसदी लोगों ने मतदान किया। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अध्यक्ष व निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री पद के लिए पेंपा सेरिंग व केलसंग दोरजे आकत्सगं में मुख्य मुकाबला था। इसमें पेंपा सेरिंग को 34324 मत पड़े, जबकि केलसंग दोरजे को 28907 वोट मिले। लिहाजा निर्वासित तिब्बती सरकार को नया प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग के रूप में चुन लिया गया है।