अब अंतिम परीक्षण चरण शुरू होने वाला है। इसके बाद वेधशाला 2025 में पूर्ण रूप से संचालन शुरू करेगी। यह दूरबीन अमरीकी राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (NSF) और ऊर्जा विभाग (DOE) के संयुक्त वित्त पोषण से बनाई गई है और इसका उद्देश्य ब्रह्मांड का एक अभूतपूर्व टाइम-लैप्स रिकॉर्ड तैयार करना है।
इस डिजिटल कैमरे को लार्ज सिनॉप्टिक सर्वे टेलीस्कोप कैमरा भी कहा जाता है। दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा वेरा सी. रुबिन वेधशाला (ऑब्जर्वेटरी) में इंस्टॉल किया गया है। अब तक के सबसे बड़े डिजिटल इमेजिंग उपकरण द्वारा अगले दशक तक दक्षिणी गोलार्ध के रात के आकाश का विस्तृत अवलोकन किया जा सकेगा।
वेरा सी. रुबिन वेधशाला में दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा लॉन्च हो गया है जिसे ऑब्जर्वेटरी में इंस्टॉल किया गया है। इस तरह के डिजिटल कैमरे को लार्ज सिनॉप्टिक सर्वे टेलीस्कोप (LSST) कैमरा भी कहा जाता है।
ऑब्ज़र्वेट्री के अनुसार, एलएसएसटी कैमरा हर कुछ रातों में पूरे आकाश का व्यवस्थित रूप से सर्वेक्षण करेगा और अभूतपूर्व पैमाने पर उच्च-रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें प्रदान करेगा।
वेधशाला द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एक ही छवि इतनी विस्तृत होगी कि उसे प्रदर्शित करने के लिए 400 अल्ट्रा-एचडी टेलीविजन स्क्रीन की आवश्यकता होगी।
इस डिजिटल कैमरे को सिमोनयी सर्वे टेलीस्कोप पर सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया गया है और अब यह अंतिम परीक्षण चरण के लिए तैयार है।
2025 में ऑब्ज़र्वेट्री पूर्ण रूप से संचालन शुरू करेगी। यह दूरबीन अमरीकी राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (NSF) और ऊर्जा विभाग (DOE) के संयुक्त वित्त पोषण के सहयोग से बनाई गई है। जिसका मक़सद ब्रह्मांड का एक अभूतपूर्व टाइम-लैप्स रिकॉर्ड तैयार करना है।
इस क्षमता के साथ, यह कैमरा सुपरनोवा, क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉइड) और द्रुतगामी तारे (पल्सेटिंग स्टार्स) जैसे खगोलीय घटनाओं को पकड़ने में सक्षम होगा, जिससे ब्रह्मांडीय घटनाओं की समझ को एक नई दिशा मिलेगी।