हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर डे मनाया जाता है। आज कैंसर लाइलाज बीमारी नहीं रही। आज का दिन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए है।
कैंसर पूरे विश्व के लिए एक ऐसी चुनौतीपूर्ण बीमारी है, जिसके चलते दुनिया भर में लाखों लोग प्रत्येक वर्ष अपना जीवन खो देते हैं।
कैंसर की शुरुआत एक दर्दहीन रोग है और विशेषज्ञ कहते हैं कि पहले और दूसरी स्टेज में ही यदि कैंसर का पता चल जाए और उचित इलाज मिल सके तो कैंसर पर जीत हासिल की जा सकती है।
दुनिया भर में हर साल 76 लाख लोग कैंसर से दम तोड़ते हैं, जिनमें से 40 लाख लोग ऐसे हैं जो मात्र 30-69 वर्ष की आयु में मर जाते हैं।
1933 में अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया था। 2014 में इसे विश्व कैंसर घोषणा के लक्ष्य पर केंद्रित किया। यह दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, लोगों को शिक्षित करने, इस रोग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को समझाने के अलावा प्रत्येक वर्ष लाखों लोगों को मरने से बचाने के लिए मनाया जाता है।
चिकित्सक कहते हैं कि तीसरे और चौथे चरण के कैंसर को जीतना अभी तक संभव नहीं हो पाया है। ऐसे में कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 4 फरवरी का दिन वर्ल्ड कैंसर डे के रूप में मनाया जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, दुनिया भर में हर साल 76 लाख लोग कैंसर से दम तोड़ते हैं, जिनमें से 40 लाख लोग ऐसे हैं जो मात्र 30-69 वर्ष की आयु में मर जाते हैं।
डबल्यूएचओ के अनुसार इस साल यानी 2025 तक कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों के बढ़कर प्रति वर्ष 60 लाख होने का अनुमान है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यदि 2025 तक कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों में 25 प्रतिशत कमी के लक्ष्य को हासिल कर सके तो हर साल 15 लाख जीवन बचाए जा सकते हैं।
कैंसर से बचाव में स्मोकिंग और अल्कोहल का प्रयोग बेहद मददगार साबित हो सकता है। साथ ही व्यवाम की आदत भी इससे लड़ने में मददगार है। इसके अलावा नियमित चेकअप और चिकित्सक के परामर्श से भी इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।