2024 के ख़त्म होने के साथ ही जेनरेशन ‘अल्फा’ का युग समाप्त हो गया है। नए साल शुरुआत ने एक नई पीढ़ी की भी शुरुआत कर दी है। पिछली पीढ़ियों की तरह इस साल की शुरुआत से लेकर साल 2039 तक जन्मी इस पीढ़ी को भी एक अनोखा नाम दिया गया है। वह बच्चे जो 2025 में जन्म लेंगे, उन्हें जेनरेशन ‘बीटा’ (जेन बीटा) कहा जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया में हर सेकंड औसतन 4.2 बच्चे पैदा होते हैं। जिसके परिणामस्वरूप दुनिया की आबादी में एक दिन में लगभग 3.5 मिलियन की बढ़ोत्तरी हो जाती है।
इस वर्गीकरण के तहत प्रत्येक दिन जन्म लेने वाले बच्चों की पीढ़ियों को 15 या 20 वर्षों की अवधि में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। आइये एक नज़र डालते हैं कि इंसान बीते सवा सौ साल में कितनी जनरेशन के पायदान पार कर चुका है।
2025 से 2039 तक की पीढ़ी को जेनरेशन ‘बीटा’ यानी जेनरेशन बीटा किड्स (बीटा किड्स) नाम दिया गया है।
- बताते चलें कि बीसवीं सदी से इस परंपरा की शुरुआत हुई और दुनिया में सबसे पहले 1901 से 1927 के बीच जन्मी पीढ़ी का नाम रखा गया, इस पीढ़ी को ‘द ग्रेटेस्ट जेनरेशन’ कहा जाता है।
- 1928 से 1945 के बीच जन्मी पीढ़ी को ‘द साइलेंट जेनरेशन’ का नाम दिया गया।
- इसके बाद 1946 से 1964 के बीच जन्मी पीढ़ी को ‘बेबी बूमर्स’ या ‘जोन्स’ पीढ़ी का नाम मिला।
- 1965 से 1980 के बीच जन्मे बच्चे ‘जेनरेशन एक्स’ कहलाए।
- इसके बाद 1981 से 1996 के बीच पैदा हुए बच्चों का नाम ‘मिलेनियल्स’ या जेनरेशन ‘Y’ रखा गया।
- इसी तरह 1997 से 2012 तक दुनिया में आंखें खोलने वाले बच्चों को जेनरेशन ‘जेड’ नाम दिया गया है।
- इसके बाद 2013 से 2024 के बीच पैदा हुए बच्चों का नाम जेनरेशन ‘अल्फा’ रखा गया।