अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भारतीय समय के अनुसार रात करीब साढ़े दस बजे शपथ ग्रहण करेंगे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बाइडेन के आने से भारत को किस तरह का फायदा होगा।
ट्रंप प्रशासन में भावी रक्षा मंत्री लॉयड एस्टीन ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि भारत के खिलाफ काम कर रहे लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई अधूरी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान पर दबाव डालेगा कि उसकी जमीन का इस्तेमाल आतंकी और कट्टरवादी संगठन ना कर पाए। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में अमेरिका, भारत से सहयोग बढ़ाएगा
लॉयड एस्टीन का बयान से क़यास लगाया जा रहा है कि भारत के साथ अमेरिका के सामरिक रिश्ते बाइडेन के कार्यकाल के दौरान भी अच्छे रहेंगे। इसके साथ ही, आर्थिक रिश्तों में भी सुधार आएगा और प्रवासी पॉलिसी के मामले में भी वे ज्यादा उदारवादी होंगे।
जहां तक पाकिस्तान का सवाल है तो अमेरिका हमेशा से चाहता है पाकिस्तान आतंकी संगठनों पर रोक लगाए। फिर चाहे वो बाइडेन हों या ट्रंप या बुश या कोई और राष्ट्रपति। उम्मीद की जा रही है कि बाइडेन चाहेंगे कि अफगानिस्तान में किसी ना किसी तरह से शांति बहाल हो।
जानकारों का तो यहां तक कहना है कि अंतरराष्ट्रीय रिश्ते दो देशों के आधार पर तय नहीं किए जाते. उनके आर्थिक, सामरिक और अन्य चीजें जो चली आ रही है उसे देखते हुए बाइडेन किसी भी सूरत में रिश्ते को खराब नहीं करेगा. बाइडेन भी पीएम मोदी से उसी तरह मिलेंगे जैसे ट्रंप और पीएम मोदी मिलते थे.