हॉन्ग। साउथ चाइना सी पर विवादों और तनाव का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। वियतनाम ने बिना दिखावे के विवादित साउथ चाइना सी के द्वीपों पर न्यू मोबाइल लॉन्चर्स को तैनात किया है। इसमें चीनी रनवेज और मिलिटरी ताकतों को जवाब देने की क्षमता है। यह जानकारी पश्चिम के अधिकारियों ने दी है। इस महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग पर चीन अपना दावा कर रहा है।
डिप्लोमैट्स और मिलिटरी अधिकारियों का कहना है कि खुफिया सूचना से साफ पता चलता है कि हनोई ने द्वीपों पर लॉन्चर्स भेजे हैं। हाल के महीनों में वियतनामी मुख्य भूमि पर स्प्रैटली आइलैंड्स में पांच ठिकानों पर यह कदम उठाया गया है। वियतनाम के इस कदम से पेइचिंग और हनोई के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है। ये लॉन्चर्स हवाई निगरानी के दायरे से बाहर के हैं।
हालांकि इन्हें अभी हथियारों से लैस किया जाना बाकी है लेकिन इन्हें दो-तीन दिनों के भीतर रॉकेट आर्टिलरी के जरिए ऑपरेशनल बनाया जा सकता है। तीन सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। हालांकि वियतनाम के विदेश मंत्री ने इसे बिना कोई डिटेल दिए गलत बताया है।
वियतनाम के रक्षा मंत्री सीनियर लेफ्टिनेंट-जनरल नग्युयेन ची विन्ह ने रॉयटर्स से सिंगापुर में जून महीने में कहा था, ‘हनोई के पास स्प्रैटली द्वीप पर तैनात करने के लिए कोई लॉन्चर्स और हथियार तैयार नहीं हैं लेकिन हम ऐसा करने का अधिकार रखते हैं। हमारे पास यह प्रासंगिक अधिकार है कि हम अपनी आत्मरक्षा कर सकें। हम अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी वक्त कोई भी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं।’
वियतनाम का यह कदम स्प्रैटली द्वीपसमूह पर चीनी दावे और उसके सैन्यीकरण का जवाब माना जा रहा है। वियतनाम मिलिटरी स्ट्रैटिजीस्ट साउथ चाइना सी में कोई आक्रामक गतिविधि को अंजाम देने से डर रहे हैं। वियतनाम रवनेज और अन्य तरह की मिलिटरी स्थापनाओं को लेकर आशंकित है। वियतनाम इस कदम को काफी जोखिम भरा मानता है। मिलिटरी विश्लेषकों का कहना है कि साउथ चाइना सी पर दशकों बाद वियतनाम का यह बेहद अहम कदम है। साउथ चाइना सी पर इंटरनैशनल ट्राइब्यूनल कोर्ट के चीन के खिलाफ फैसले आने के बाद वियतनाम यहां लॉन्चर्स तैनात करना चाहता था। चीन के खिलाफ फैसले आने के बाद इन देशों को नैतिक बल मिला है। इंटरनैशनल ट्राइब्यूनल कोर्ट ने साउथ चाइना सी के मामले में चीन के खिलाफ फिलीपीन्स के पक्ष में फैसला दिया था।