नई दिल्ली। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर (Masood Azhar) को संयुक्त राष्ट्र (UN) ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने बताया है कि मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की सूची में वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया है।
पाकिस्तान ने भी पुष्टि की है कि मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव 1267 के तहत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है। यूएन में जैश पर पहले ही प्रतिबंध लगा हुआ है।
फ्रांस की ओर से कहा गया है कि वो इस फैसले का स्वागत करते हैं। वो लगातार मसूद अजहर पर बैन के लिए आग्रह कर रहे थे, खासतौर से पुलवामा के हमले में उसकी भूमिका सामने आने के बाद लगातार इसकी कोशिश हो रही थी सरकारी सूत्रों के मुताबिक, जैश के चीफ मसूद अजहर को बहावलपुर के मरकज सुब्हानअल्लाह में हाउस अरेस्ट कर रखा गया था। बालाकोट अटैक के बाद उसे इस्लामाबाद में एक सुरक्षित जगह ले जाया गया है।
मसूद अजहर का संगठन जैश कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। खासतौर से भारत में हिंसा करने की इनकी नीयत रही है। कश्मीर के पुलवामा में सेना के काफिले के पीछे भी इसी संगठन का हाथ होने की बात सामने आई थी। इससे पहले भी भारत ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की कई कोशिशें की थी लेकिन चीन के रुख के चलते ये नहीं हो सका था। इस दफा मसूद अजहर को लेकर चीन ने अपना रुख बदला।
यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की बैठक में चीन ने मसूद अजहर पर लगाए गए टेक्निकल होल्ड को हटा लिया। चीन ने मार्च में चौथी बार यूएन की प्रतिबंध समिति के सामने अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाले भारत के प्रस्ताव पर टेक्निकल होल्ड लगा दिया था।
पिछले तीन सालों में भारत ने कई बार अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करवाने की मांग संयुक्त राष्ट्र में उठाई, लेकिन हर बार चीन इसमें रुकावट बनता रहा। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण 1267 समिति की बैठक से पहले ही चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के अपने रुख पर विचार के संकेत दिए थे कि वो उस पर फिर से विचार करेगा।