न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 7 अक्टूबर के बाद पहली बार गाजा में तत्काल युद्धविराम प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सुरक्षा परिषद ने पवित्र महीने रमजान का हवाला देते हुए तुरंत लड़ाई रोके जाने की बात कही है। उसने तत्काल लड़ाई रोकने की मांग की है।
सोमवार को सुरक्षा परिषद को सौंपे गए प्रस्ताव पर अमरीका ने अपना पिछला रुख बदल दिया और प्रस्ताव पर वीटो करने से परहेज किया।
सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों में से 14 ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि संयुक्त राज्य अमरीका मतदान प्रक्रिया से अनुपस्थित था।
इस मसौदा प्रस्ताव को अल्जीरिया, गुयाना, इक्वाडोर, जापान, माल्टा, मोजाम्बिक, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया, दक्षिण कोरिया और स्विट्जरलैंड सहित 12 गैर-स्थायी सदस्यों द्वारा आगे रखा गया था।
प्रस्ताव पर वीटो न करने का अमरीका का फैसला गाजा में इजराइल की आक्रामकता को लेकर उसके और उसके सहयोगी इजराइल के बीच बढ़ती दरार का संकेत है।
सुरक्षा परिषद ने गाज़ा पर लंबे समय से प्रतीक्षित प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है, जिसमें तुरन्त युद्धविराम और सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है.
इस प्रस्ताव को लागू किया जाना होगा. इसमें विफलता अक्षम्य होगी.
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— UNHindi (@UNinHindi) March 26, 2024
प्रस्ताव में गाजा में तत्काल युद्धविराम के साथ-साथ हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी इजरायली बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है।
7 अक्टूबर को हमास लड़ाकों द्वारा इजरायल पर किये हमले में 1200 लोगों की मौत हुई थी और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। हमास ने इन बंधकों को गाजा में रखा है। कुछ बंधकों को नवंबर के युद्धविराम के दौरान छोड़ दिया गया था लेकिन अभी भी हमास के पास गाजा में करीब 100 इजरायली बंधक हैं।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर, 2023 को गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से सुरक्षा परिषद कई बार संघर्ष विराम प्रस्ताव पर सहमत होने में विफल रही है। हमास के आतंकी हमले के बाद इजरायली सेना ने गाजा में बमबारी शुरू कर दी थी। इसके बाद से इजरायली हमले लगातार जारी हैं, इन हमलों में 32 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों की संख्या में लोग घायल हैं।