संसद सुरक्षा में होने वाली चूक पर गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध के चलते दोनों सदनों के 92 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।
संसद के इतिहास में एक दिन में 78 सांसद निलंबित किया जाना पहली बार हुआ है। इनमे लोकसभा के 33 सदस्य जबकि राज्यसभा के 45 सदस्य हैं।
इनमें से लोकसभा के तीस और राज्यसभा के 34 सांसद को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया है। इसी सत्र में लोकसभा के 13 जबकि राज्यसभा के एक सदस्य को इससे पहले निलंबित किया जा चुका है।
ऐसे में इस सत्र में कुल मिलाकर अबतक 92 विपक्षी सदस्य निलंबित किए जा चुके हैं। राज्यसभा के निलंबित सांसदों में से 11 का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है।
संसद की सुरक्षा में चूक पर #ModiGovt से जवाब मांगने पर आज #Parliament से 78 विपक्षी सासंद निलंबित कर दिए गए। इनमें #LokSabha के 33 और #RajyaSabha के 45 सांसद शामिल हैं। इस प्रकार #BJP सरकार अब तक 92 विपक्षी सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। https://t.co/MtT7UnZ3Oq
— Navjivan (@navjivanindia) December 18, 2023
निलंबन की इस कार्यवाही ने अब देश की सियासी राजनीती का रुख बदल गया है। इस गतिरोध के बीच दोनों सदनों के सांसदों के निलंबन को 1989 के इतिहास दोहराने जैसा बताया जा रहा है।
उस समय राजीव गांधी के पास 400 से ज्यादा सांसदों का बहुमत था और सरकार को बोफोर्स मुद्दे पर घेरते हुए तत्कालीन विपक्ष ने सामूहिक इस्तीफा दिया था। उस समय विपक्ष में भाजपा भी शामिल थी। ऐसे में क़यास लगाया जा रहा है कि अब मौजूदा विपक्ष मोदी सरकार को घेरने के लिए इस तरह का कोई कदम उठा सकता है।
संसद की सुरक्षा में खतरनाक चूक हुई। उस लापरवाही पर जवाब मांग रहे विपक्ष के 92 सांसदों को तानाशाह सरकार ने सस्पेंड कर दिया है।
जो सरकार संसद की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकी, उसने लोकतंत्र को कलंकित कर डाला और एक तरह से समूचे विपक्ष को ही संसद से बाहर कर दिया।
यह भारतीय लोकतंत्र…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 18, 2023
आज दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक है। इस बैठक में संसद में जारी गतिरोध के चलते होने वाले निलंबन पर चर्चा हो सकती है। हालांकि आज की बैठक लोकसभा चुनावों की रणनीति के साथ सीटों पर तालमेल, न्यूनतम साझा कार्यक्रम, साझा प्रचार और संयोजक जैसे मुद्दों पर विचार के लिए बुलाई गई थी।
5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद INDIA गठबंधन की बैठक आज, सीट बंटवारे, रैली और रणनीति पर होगी चर्चाhttps://t.co/YK7bheu04U
— ThePrintHindi (@ThePrintHindi) December 19, 2023
इस बारे में जनता दल (यू) के महासचिव और मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी का कहना है कि अभी इस मुद्दे पर विचार नहीं हुआ है, लेकिन जिस तरह सरकार विपक्ष के नेताओं और सांसदों को निशाना बना रही है, उसका जवाब किसी बड़े राजनीतिक कदम से ही देना होगा। आगे वह कहते हैं कि अगर सहमति बनी तो लोकसभा से सामूहिक इस्तीफा देने जैसा कदम भी उठाया जा सकता है।
"आपने संसद के प्रतिपक्ष का कोना ही ख़ाली कर दिया, यह एक परेशान तानाशाह हुकूमत की निशानी है."
लोकसभा और राज्यसभा में अब तक कुल 92 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है.
इन सांसदों में आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा भी शामिल हैं.
देखिए मनोज झा के साथ @basantrajsonu की बातचीत pic.twitter.com/5UwdWzyRlE
— Newslaundry Hindi (@nlhindi) December 19, 2023
1989 की परिस्थितियों का हवाला देते हुए वह कहते हैं कि जब चार सौ से ज्यादा बहुमत वाली राजीव गांधी सरकार ने तत्कालीन विपक्ष को संसद में अपनी आवाज नहीं उठाने दी थी, तब पूरे विपक्ष ने लोकसभा से सामूहिक इस्तीफा दिया था और उसके बाद 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई थी।
आगे उन्होंने बताया कि कांग्रेस की हार के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह की राष्ट्रीय मोर्चे की गठबंधन सरकार बनी थी, जनता दल के नेतृत्व में इस सरकार को बाहर से भाजपा और वाम मोर्चे का समर्थन मिला था।