थाईलैंड की संसद ने 37 वर्षीय पिटोंगथार्न शिनावात्रा को देश का नया प्रधानमंत्री चुना है। इस चुनाव के साथ ही पिटोंगथारन अपने देश की सबसे कम उम्र प्रधानमंत्री बन गई हैं। नामांकन जीतने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “देश को आगे बढ़ाना है।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी के मुताबिक, पिटोंगथार्न शिनावात्रा देश के बिजनेस टाइकून थाकसिन शिनावात्रा की सबसे छोटी बेटी हैं और फू थाई पार्टी द्वारा नामित उम्मीदवार हैं।
थाईलैंड की 493 सदस्यीय सदन में 314 से अधिक सदस्यों ने मतदान कर उन्हें देश का नया प्रधानमंत्री चुना है। इस प्रकार उन्हें देश की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनने का भी अवसर मिला है।
37 साल के पिटोंगथार्न शिनावात्रा को थाईलैंड के सबसे युवा प्रधानमंत्री होने का गौरव भी मिला। शिनावात्रा ने गर्भवती होने के बावजूद कई सप्ताह तक चुनाव प्रचार किया और इस चुनाव के मिश्रित परिणाम सामने आए। उनकी फेउ थाई पार्टी 2023 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रही, लेकिन वोट जीतने वाले को सैन्य समर्थित सांसदों द्वारा रोक दिए जाने के बाद उन्हें सत्तारूढ़ गठबंधन बनाने में सफलता मिली।
गौरतलब है कि पूर्व थाई प्रधानमंत्री सरिता थवेज़ेन ने 2006 में सैन्य तानाशाही के खिलाफ लंबा निर्वासन बिताया और पिछले साल ही देश लौटे थे। उन्होंने चुनाव लड़ा और प्रधानमंत्री चुने गये, लेकिन एक साल के भीतर ही अदालत ने उन्हें बर्खास्त कर दिया।
बैंकॉक में जन्मी, पैतोंगटार्न एससी एसेट कॉरपोरेशन की प्रमुख शेयरधारक और थाईकॉम फाउंडेशन की निदेशक हैं। थाईकॉम फाउंडेशन की आधिकारिक साइट पर दर्ज उनके प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने 2008 में चूललोंगकोर्न विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र और एंथ्रोपोलॉजी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। बाद में उन्होंने इंग्लैंड में सरे विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय होटल प्रबंधन में मास्टर डिग्री प्राप्त की।