नई दिल्ली। ‘टाटा समूह किसी की जागीर नहीं। यह किसी एक व्यक्ति या टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टियों की संपत्ति नहीं है। यह न तो टाटा संस के डायरेक्टर्स की है और न ही ऑपरेटिंग कंपनियों के डायरेक्टर्स की। यह सभी स्टेकहोल्डर की है, जिसमें आप सब भी शामिल हैं।’ टाटा ग्रुप की छह कंपनियों के शेयरधारकों के नाम पत्र में पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने ये बातें लिखी हैं। उन्हें बोर्ड से हटाने के लिए इन कंपनियों के शेयर होल्डर्स की बैठक (ईजीएम) बुलाई गई है। ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस की ईजीएम 13 दिसंबर को है। tata
रतन टाटा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि फैसला लेने का अधिकार एक व्यक्ति या ‘हाईकमान’ के हाथ में नहीं होना चाहिए। यह अनैतिक, अनुचित और भरोसा तोड़ने जैसा है। गवर्नेंस का हवाला देते हुए उन्होंने सरकार से भी हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
रतन टाटा का जिक्र करते हुए मिस्त्री ने लिखा है, ‘यह संकेत दिया गया कि रतन टाटा के पास सभी अधिकार हैं, वे जो चाहें कर सकते हैं। उन्हें किसी को कारण बताने की भी जरूरत नहीं। ट्रस्टी के फैसलों पर नजर रखने का एक तरीका होना चाहिए।’
खासकर तब जब उनके फैसलों से उन्हें व्यक्तिगत लाभ होता हो।’ बता दें कि अक्टूबर के अंत में मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से अचानक हटा दिया गया था। नई नियुक्ति होने तक रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन बनाए गए थे। टाटा संस ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है। इसमें मिस्त्री परिवार की 18.4% हिस्सेदारी है। टाटा परिवार के कई ट्रस्टों की होल्डिंग 66% है। रतन टाटा इन ट्रस्टों के चेयरमैन हैं। बाकी पब्लिक होल्डिंग है। tata