नई दिल्ली : गहरे समंदर में उतर सकने वाली भारतीय नेवी की दूसरी सेलबोट यानी नौकायन पोत ‘तारिणी’ अब बनकर तैयार है. Tarini
इसे शनिवार को नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा. इस मौके पर नेवी के ट्रेनिंग सेंटर आईएनएस मंडोवी के बोट पूल में खास कार्यक्रम का आयोजन होगा.
हादेई के बाद ‘तारिणी’ नौसेना का दूसरा नौकायन पोत है.
आने वाले दिनों में नेवी की महिला टीम दुनिया का चक्कर लगाने के अभियान पर इसी बोट में निकलेगी.
गोवा के एक्वेरियस शिपयार्ड लिमिटेड में तैयार की गई तारिणी हॉलैंड के टोन्गा 56 नाम के डिजाइन पर आधारित है. इसे बनाने में फाइबर ग्लास, एल्युमिनियम और स्टील जैसी धातुएं इस्तेमाल की गई हैं.
तारिणी में कुल छह पाल लगे हैं जो इसे मुश्किल से मुश्किल हालात में भी सफर तय करने की ताकत देते हैं. अत्याधुनिक सेटेलाइट सिस्टम के जरिये तारिणी के क्रू से दुनिया के किसी भी हिस्से में संपर्क किया जा सकता है.
तारिणी के सारे ट्रायल इस साल 30 जनवरी को पूरे हुए थे. इसकी तकनीक विकसित करने में महादेई को चलाने का अनुभव खासा काम आया है. पिछले साल मार्च में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने तारिणी के निर्माण का आगाज किया था.
ये नौकायन पोत तय सीमा से पहले बनकर तैयार हुआ है और इसे प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के लिए उपलब्धि माना जा रहा है.
बोट का नामकरण ओडिशा में मशहूर तारा-तारिणी मंदिर के नाम पर हुआ है. संस्कृत में तारिणी का मतलब नौका के अलावा पार लगाने वाला भी होता है.