एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि तनावपूर्ण स्थितियों के संपर्क में आने के बाद आनुवांशिक रूप से संवेदनशील व्यक्तियों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमरीकी शोधकर्ताओं ने पाया है कि जिन लोगों का तनाव उनके आनुवंशिकी से जुड़ा होता है, उनमें प्रतिकूल परिस्थितियों के बाद दिल का दौरा पड़ने की संभावना 34 प्रतिशत ज़्यादा होती है।
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि इन व्यक्तियों में चिंता या अवसाद की स्थिति की तुलना में तनावपूर्ण समय के दौरान दिल का दौरा पड़ने की संभावना तीन गुना अधिक थी।
Research led by Dr. @ShadyAbohashem from @harvardmed found people with high genetic stress sensitivity had a higher risk of a #heartattack during stressful events, such as elections, Christmas and sporting events. #ACC24 https://t.co/mYxwlB9fmj pic.twitter.com/SjssdYHU2R
— ACC Media Center (@ACCmediacenter) March 27, 2024
अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता, मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के डॉ. शैडी अबुहाशिम का कहना है- “हमने अध्ययन में पाया कि जो लोग आनुवंशिक रूप से तनाव के प्रति संवेदनशील होते हैं, उनमें प्रतिकूल घटनाओं के बाद दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है।”
उन्होंने कहा कि अब हम समझते हैं कि लोगों में दिल के दौरे की घटनाओं में वृद्धि के लिए अन्य कारक भी जिम्मेदार हैं। हम संभावित रूप से स्क्रीनिंग और निवारक उपायों जैसे व्यायाम, योग, माइंडफुलनेस या अन्य तरीकों से लोगों का इलाज कर सकते हैं जो चिंता और अवसाद को कम कर सकते हैं और हृदय स्वास्थ्य जोखिम को कम कर सकते हैं।
अध्ययन के नतीजे अप्रैल की शुरुआत में अटलांटा में अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किए जाएंगे।