नई दिल्ली : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शुक्रवार को भारत दौरे पर दिल्ली पहुंच चुकी हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते पर 4 दिवसीय दौरे पर भारत आई हैं, जो 2015 में बांग्लादेश की यात्रा पर गए थे। Sheikh hasina
पहले माना जा रहा था कि दोनों नेताओं की दिल्ली में 8 अप्रैल मुलाकात होगी लेकिन PM मोदी खुद शुक्रवार सुबह हसीना को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे।
माना जा रहा है कि पड़ोसी देश की प्रधानमंत्री के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच 20 से ज्यादा समझौते होंगे लेकिन केंद्र की मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की राजनीतिक दूरियों की वजह से तीस्ता नदी के जल बंटवारे का समझौता फिलहाल नहीं होगा।
तीस्ता समझौते पर सितंबर 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाने की संभावना थी, लेकिन ममता की आपत्ति के बाद अंतिम समय में इसे स्थगित कर दिया गया था।
पश्चिम बंगाल इस समझौते में एक अहम पक्ष होगा लेकिन ममता इस समझौते के पक्ष में नजर नहीं आ रहीं। खबर यह भी है कि शेख हसीना की यात्रा के दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाली बातचीत में ममता शामिल नहीं होंगी।
हालांकि ममता बनर्जी ने दोनों देशों के बीच की कुछ परियोजनाओं की शुरुआत को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के सरकार के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
इसके साथ ही उन्होंने हसीना के सम्मान में मोदी द्वारा दिए जाने वाले दोपहर के भोज के आमंत्रण को भी स्वीकार कर लिया है। ममता और हसीना के बीच बातचीत में तीस्ता का मुद्दा उठने की संभावना है।
बांग्लादेश के लिए तीस्ता का जल महत्वपूर्ण हो जाता है, विशेषकर दिसंबर से लेकर मार्च की अवधि में। इस दौरान जल का प्रवाह अक्सर अस्थायी रूप से 5,000 क्यूसेक से 1,000 क्यूसेक नीचे तक चला जाता है।
प्रधानमंत्री के रूप में मौजूदा कार्यकाल में हसीना की यह पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा होगी। वह राष्ट्रपति भवन में ठहरेंगी।बांग्लादेश पर चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत रक्षा सहयोग में मजबूती चाहता है।
इस मकसद से बांग्लादेश के साथ 2 सहमति पत्रों पर साइन होंगे। बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत 25 साल का व्यापक रक्षा समझौता चाहता था लेकिन फिलहाल 5 साल के दो सहमति पत्रों के साइन होने पर बात बनी है।
पहले सहमति पत्र के अनुसार, अगले 5 साल के लिए रक्षा सहयोग का फ्रेमवर्क होगा जबकि दूसरे के तहत बांग्लादेश को रक्षा साजोसामान खरीदने के लिए मदद मुहैया कराई जाएगी। कहा जा रहा है कि भारत बांग्लादेश को 50 करोड़ डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट देगा।
ऐसे संकेत मिले हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का मुद्दा भारत इस बार जोर-शोर से नहीं उठाएगा। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर शेख हसीना सरकार की ओर से उठाए गए कदमों से संतुष्ट है।