अमृतसर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज को अमृतसर के गोल्डन टेंपल (स्वर्ण मंदिर) में जाने की अनुमति ना दिए जाने पर विवाद हो गया है। बताया जाता है कि सुरक्षा कारणों से अजीज को गोल्डन टेंपल नहीं जाने दिया गया। सूत्रों के अनुसार किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो इसलिए अजीज को अनुमति नहीं दी गई। खबरों के अनुसार गोल्डन टेंपल जाने की अनुमति ना मिलने के बाद अजीज सीधे इस्लामाबाद के लिए रवाना हो गए। sartaj aziz
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार अजीज को अमृतसर में प्रेस कांफ्रेंस करने की अनुमति भी नहीं दी गई। पाक मीडिया के अनुसार भारत ने अजीज की बेइज्जती की है। अजीज हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। इस कांफ्रेंस में भारत मेजबान था और इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान व ईरान ने हिस्सा लिया।
सम्मेलन के दौरान अजीज ने भारत-पाक संबंधों के तनाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर ‘तनाव’ के बावजूद उनका बैठक में शामिल होना अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए पाकिस्तान की पूरी प्रतिबद्धता का सबूत है। उन्होंने नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस सम्मेलन के रद्द होने पर अप्रसन्नता जतायी और क्षेत्रीय सहयोग के लिए इसे झटका बताया। उन्होंने जम्मू कश्मीर के मुद्दे का जिक्र नहीं किया। अजीज ने कहा, ”अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति काफी जटिल है। हिंसा में हाल में वृद्धि को लेकर किसी एक देश पर दोषारोपण करना सरल है।”
उन्होंने कहा कि नवंबर में इस्लामाबाद में आयोजित दक्षेस शिखर सम्मेलन का स्थगन इन प्रयासों के लिए झटका था और क्षेत्रीय सहयोग की भावना को कमजोर किया। गौरतलब है कि पाकिस्तान से पनपने वाले सीमा पार आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए भारत दक्षेस सम्मेलन से हट गया था। अफगानिस्तान और दक्षेस के अन्य देशों ने भी इस आधार पर आठ सदस्यीय बैठक को रद्द करने की मांग की थी कि क्षेत्र में आतंकवाद को शह दी जा रही है।
अजीज की इस प्रतिक्रिया के पहले भारत और अफगानिस्तान ने आतंकवाद का समर्थन करने और उसे प्रायोजित करने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा तथा आतंकवादियों के साथ साथ उनके आकाओं के खिलाफ ‘ठोस कार्रवाई’ का आह्वान किया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक मंत्री स्तरीय सम्मेलन का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। गनी ने देश के खिलाफ ‘अघोषित युद्ध शुरू करने के लिए’ पाकिस्तान पर सीधा हमला बोला और पाक-प्रायोजित आतंकवाद के लिए एशियाई या अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए जाने की मांग की।