पुणे : सहारा ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सहारा की 39,000 करोड़ रुपए के पूणे में एंबी वैली प्रॉपर्टी को जब्त करने के आदेश दिए हैं। एंबी वैली कोर्ट के पास अटैच रहेगी। Sahara
कोर्ट ने नीलामी के लिए सहारा से उन संपत्तियों की लिस्ट मांगी जिन पर विवाद नहीं है।
20 फरवरी तक यह लिस्ट देने के आदेश दिए हैं। सहारा को अभी 14000 करोड़ रुपए और देने हैं।
मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी। कोर्ट ने कहा कि पहले मूलधन को देखेंगे उसके बाद ब्याज की बात करेंगे।
सेबी ने कोर्ट को बताया कि अभी सहारा की ओर से 14779 करोड़ रुपये बकाया हैं।
सुब्रत रॉय के लिए कोर्ट से थोड़ी राहत जरूर मिली है। कोर्ट ने रॉय की जमानत दो हफ्ते के लिए बढ़ा दी है। यह 6 फरवरी को खत्म हो रही थी।कोर्ट के आदेश पर सहारा प्रमुख की ओर से सेबी को 600 करोड़ रुपये जमा कराए गए। अपनी मां की मौत के बाद से ही सुब्रत रॉय जेल से बाहर हैं।
जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एके सिकरी की बेंच ने सहारा को 20 फरवरी तक उसकी प्रॉपर्टी की लिस्ट भी देने को कहा है।
कोर्ट ने कहा है कि ये प्रॉपर्टी सभी तरह के चार्ज से फ्री होनी चाहिए। बता दें कि सहारा से 14799 करोड़ रुपए की रिकवरी की जानी है।
यह सहारा ग्रुप की दो कंपनियों एसआईआरसीएल (सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड) और एसएचआईसीएल (सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) से की जानी है। कोर्ट ने लोनावाला स्थित एम्बी वैली को भी अटैच करने का ऑर्डर दिया है।
सहारा ग्रुप की 2 कंपनियों-सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) ने रियल एस्टेट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर 3 करोड़ से ज्यादा इन्वेस्टर्स से 17,400 करोड़ रुपए जुटाए थे।
सितंबर, 2009 में सहारा प्राइम सिटी ने आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास दस्तावेज जमा किए, जिसके बाद सेबी ने अगस्त 2010 में दोनों कंपनियों की जांच के आदेश दिए थे।
कंपनियों में गड़बड़ी मिलने पर विवाद बढ़ता गया और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की दोनों कंपनियों को निवेशकों के 36 हजार करोड़ रुपए लौटाने का आदेश दिया।