बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि पर फैसला जल्द आने वाले हैं। संघ ने कहा कि फैसला चाहे जो भी हो सौहार्द बनाये रखना सभी की जिम्मेदारी है।
आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है।निर्णय जो भी आए उसे सभी ने खुले मन से स्वीकार करना चाहिए।निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे,यह सबका दायित्व है।इस विषय पर भी बैठक में विचार हो रहा है।
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बुधवार को कहा कि अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के आने वाले निर्णय का सभी को खुले दिल से स्वागत किया जाना चाहिए।
संघ ने साथ ही यह भी कहा कि फैसला चाहे जो भी हो सौहार्द बनाये रखना सभी की जिम्मेदारी है।
RSS ने ट्वीट करके कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर उत्पन्न होने वाले मुद्दे पर राष्ट्रीय राजधानी में RSS के वरिष्ठ पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक में चर्चा की जा रही है।
यह फैसला 17 नवम्बर से पहले आने की उम्मीद है जब प्रधान न्यायाधीश सेवानिवृत्त होंगे। यह बैठक पहले हरिद्वार में 30 अक्टूबर से पांच नवम्बर तक प्रचारकों के सम्मेलन के साथ आयोजित होनी थी।
RSS ने कहा कि यद्यपि प्रचारकों की बैठक टाल दी गई है, उसके वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया है। RSS के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा, ‘‘श्रीराम के जन्मस्थान पर मंदिर निर्माण के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने वाले कुछ दिनों में आने की उम्मीद है।
फैसला चाहे जो भी हो, सभी को इसका खुले दिल से स्वागत करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है कि देश में साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहे। बैठक में मुद्दे पर भी चर्चा होगी।’’
RSS का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के कुछ दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने याद करते हुए कहा था कि किस तरह 2010 में अयोध्या में विवादास्पद भूमि पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले से पहले सरकार, राजनीतिक दलों और नागरिक समाज ने तनाव उत्पन्न करने के प्रयासों को रोका था।
उन्होंने इसका एक उदाहरण बताया था कि किस तरह से एक एकजुट आवाज देश को मजबूती प्रदान कर सकती है।