संयुक्त राष्ट्र संघ में इस्लामी गणतंत्र ईरान के प्रतिनिधि ने आशा प्रकट की है कि महासचिच एन्तोनियो गुटरेस के प्रयासों से ईरान के खिलाफ अमरीका के गैर क़ानून प्रतिबंध खत्म होंगे और ईरान बेहतर तरीक़े से कोरोना के खिलाफ लड़ सकेगा।मजीद तख्त रवान्ची ने शुक्रवार की शाम संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरानी पत्रकारों से एक वार्ता में इस बात पर बल दिया कि वर्तमान समय में भी ईरान चिकित्सा और उपचार साधनों की दृष्टि से अच्छी हालत में है।
उन्होंने कहा कि अमरीका के अन्यायपूर्ण प्रतिबंधों की वजह से ईरान कोरोना से मुक़ाबले में अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग नहीं कर पा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र संघ में इस्लामी गणतंत्र ईरान के प्रतिनिधि मजीद तख्त रवान्ची ने कहा कि कोरोना से मुक़ाबले के लिए अंतराराष्ट्रीय स्तर पर सधे हुए क़दमों की ज़रूरत है और वास्तव में ईरान पर लगे प्रतिबंध पूरी मानवता को निशाना बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि जब आप अन्यायपूर्ण और गलत तरीक़े से किसी देश को इस बात का अवसर नहीं देते कि वह अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग कर सके तो इससे एक या दो देश को नुक़सान नहीं पहुंचता बल्कि इस से पूरा विश्व समुदाय नुक़सान उठाता है।
मजीद तख्त् रवान्ची ने प्रतिबंध हटाने के लिए संयक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के नाम 8 देशों की तरफ से लिखे जाने वाले हालिया पत्र का उल्लेख किया और कहा कि अमरीका के एक पक्षीय प्रतिबंध, कोरोना से मुक़ाबले में विभिन्न देशों की क्षमता में बहुत बड़ी बाधा हैं।
याद रहे कोरोना के फैलाव के दृष्टिगत, ईरान के खिलाफ प्रतिबंध हटाने के लिए अमरीका पर अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद यह देश इस अमानवीय कृत्य को जारी रखने पर अड़ा हुआ है।
यही नहीं अमरीका के वित्त मंत्रालय ने गत 26 मार्च को ईरान से सबंधिंत लोगों और संस्थाओं पर नये प्रतिबंध लगा दिये है।
ट्रम्प सरकार, आर्थिक आतंकवाद के साथ साथ, चिकित्सा आतंकवाद को भी ईरानी राष्ट्र के खिलाफ प्रयोग कर रही है और यदि यह स्थिति जारी रही तो निश्चित रूप से अमरीका मानवता के विरुद्ध अपराध कर रहा है।