मुंबई। विदेश पैसा भेजने के मामले में पिछले साल अक्टूबर में सामने आई अनियमितता के मामले में रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक तथा निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक पर कुल 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। बीएसई को बैंकों द्वारा दी गई जानकारियों के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) पर पांच करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पर तीन करोड़ रुपए तथा एचडीएफसी बैंक पर दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
इन बैंकों से आयात के भुगतान के नाम पर भारी मात्रा में धन विदेश भेजा गया था, लेकिन बाद में पता चला कि ये आयात कभी किए ही नहीं गए। सबसे ज्यादा 6,100 करोड़ रुपए की राशि बीओबी की नई दिल्ली स्थित अशोक विहार शाखा से विदेश भेजे गए थे। बैंक ने बताया कि उसके आंतरिक ऑडिट तथा आरबीआई और जांच एजेंसियों की पड़ताल में अक्टूबर 2015 में कुछ अनियमितताएं सामने आई थीं।
आरबीआई ने उनकी विस्तृत जांच की और पाया कि एंटी मनी लांड्रिंग नियमों से जुड़ी आंतरिक नियंत्रण प्रणाली में कुछ कमजोरियां रही थीं जिसकी वजह से बैंक इस तरह के ट्रांजेक्शनों की पहचान करने में विफल रहा। इन प्रणालियों में ट्रांजेक्शनों की निगरानी, ग्राहकों को यूनिक कस्टमर आईडेंटिफिकेशन कोड जारी करना तथा वित्तीय खुफिया इकाई को समय पर रिपोर्ट भेजना शामिल हैं।
एचडीएफसी बैंक ने बताया कि आरबीआई ने उसे इस संबंध में एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके जवाब में बैंक ने विस्तार से अपना पक्ष स्पष्ट किया। बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद आरबीआई ने उस पर दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने का फैसला किया। उसने बताया कि अपने ग्राहक को जानो/एंटी मनी लांड्रिंग दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण बैंक पर जुर्माना लगाया है।
बैंकों ने कहा है कि उन्होंने जांच के दौरान आरबीआई को पूरा सहयोग दिया है। भविष्य में इस तरह की किसी भी चूक को रोकने के उद्देश्य से उन्होंने आंतरिक नियंत्रण मजबूत करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले की जांच कर रहे हैं।