नई दिल्ली। आईपीएस राकेश अस्थाना को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाए जाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में एनजीओ कॉमनकाज ने आरोप लगाया है कि अस्थाना को सीबीआई निदेशक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने दुर्भावनापूर्ण, मनमाने और अवैध तरीके से एक के बाद एक कई कदम उठाए। इसमें दावा किया गया है कि सरकार ने चयन समिति की बैठक भी नहीं बुलाई जबकि उसे पता था कि दो दिसंबर को अनिल सिन्हा निदेशक पद से रिटायर हो रहे हैं। plea
समिति में प्रधानमंत्री, सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस होते हैं। सीबीआई निदेशक की दावेदारी में सबसे आगे रहे विशेष निदेशक आरके दत्ता को गृह मंत्रालय में विशेष सचिव के रूप में भेजने के बाद गुजरात कॉडर के 1984 बैच के अफसर अस्थाना काे दो दिसंबर को अतिरिक्त निदेशक बनाकर निदेशक का प्रभार दे दिया गया था। जनहित याचिका में दावा किया गया है कि सरकार ने सिन्हा के दो दिसंबर को रिटायर होने के दो दिन पूर्व दत्ता को कार्यकाल पूरा होने से पहले 30 नवंबर को गृह मंत्रालय भेज दिया।
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