नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त को बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान पर दिए बयान से पाकिस्तान इस तरह खफा है कि उसकी पंजाब प्रांत की असेंबली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है।
यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया है, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान पर दिए उनके बयानों की यह सदन कड़े शब्दों में निंदा करता है और ये भी कहां गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस ढंग से यह बयान दिए हैं, वह सीधा-सीधा पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना है।
प्रस्ताव पंजाब प्रांत के एसेंबली में कानून मंत्री राणा सनाउल्लाह ने पेश किया। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान की सरकार इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सहित तमाम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाए ताकि दुनिया को यह पता चल सके कि पीएम मोदी किस तरह से पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। प्रस्ताव में यह भी कहा गया की पाकिस्तान को भारत से सभी व्यापारिक संबंध भी तोड़ने चाहिए। पाकिस्तान की पंजाब प्रांत की असेंबली के सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों ने नरेंद्र मोदी के इन बयानों की प्रस्ताव पारित करने के दौरान सदन में कड़ी आलोचना की है।
पाकिस्तान लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन बयानों की आलोचना कर रहा है, जब से उन्होंने 15 अगस्त को अपने भाषण में बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान का जिक्र करते हुए कहा था कि यहां के लोगों ने उनको उनकी समस्याएं उठाने के लिए धन्यवाद दिया था।