इस्लामाबाद। पाकिस्तान के अशांत दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत के एक सरकारी अस्पताल में आज तालिबान के एक आत्मघाती बम विस्फोट में कम से कम 70 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए। इनमें से ज्यादातर वकील हैं। यह हमला इस साल के सबसे भीषण आतंकी हमलों में एक है। हमलावर ने क्वेटा स्थित सिविल अस्पताल में करीब 200 लोगों को निशाना बनाया, जहां बलूचिस्तान बार एसोसिएशन (बीए) के अध्यक्ष अधिवक्ता बिलाल अनवर कसी का शव लाया गया था। इससे पहले दिन में उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
आपात विभाग में विस्फोट की एक भीषण आवाज सुनी गई। आपात विभाग में शव परीक्षण के लिए कसी का शव रखा गया था। विस्फोट के बाद गोलीबारी भी हुई। पुलिस ने इसे आत्मघाती हमला बताया जिसमें आठ किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया।
अभी तत्काल यह साफ नहीं हो पाया है कि विस्फोट और शुरूआती गोलीबारी का आपस में संबंध है या नहीं और ना ही किसी समूह ने ही अब तक इन हमलों की जिम्मेदारी ली है। रिपोर्ट के मुताबिक, घटना में एक पत्रकार की मौत हो गई है और अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘हमला स्थल पर कोई गड्ढा नहीं पाया गया और ऐसा लगता है कि हमलावर ने विस्फोटकों को अपने शरीर से बांध रखा था।’ बम निरोधक दस्ते के अधिकारियों ने भी यह पुष्टि की है कि आत्मघाती हमले से विस्फोट हुआ।
तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के धड़े जमातउल अहारा के प्रवक्ता ने बताया कि उसके गुट ने क्वेटा में हुए हमले की जिम्मेदारी ली है और पाकिस्तान में इस्लामी प्रणाली लागू होने तक और अधिक हमले करने का संकल्प लिया।
प्रांतीय स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख ने बताया, ‘मृतकों की संख्या बढ़ कर 70 हो गई है और 112 घायल हैं।’ मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।टीवी फुटेज में भगदड़ के दृश्य दिखाए गए हैं जहां दहशत में आए लोग मलबे से होकर भाग रहे हैं। अस्पताल के आपात वार्ड के गलियारे में धुआं भरा हुआ है।
फ्रंटियर कोर और पुलिस की एक टुकड़ी मौके पर पहुंच गई और अस्पताल की घेराबंदी कर दी। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता अनवार उल हक ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि आज का आत्मघाती हमला कसी की मौत पर शोक मनाने वाले लोगों को निशाना बना कर किया गया। इस साल यह अब तक का दूसरा सर्वाधिक भीषण हमला है। इससे पहले लाहौर के एक भीड़ भाड़ वाले पार्क में ईस्टर के मौके पर विस्फोट हुआ था जिसमें 75 लोग मारे गए थे।