बारिश के पानी को बर्बाद होने से बचाने के लिए एक बेहद असरदार योजना पर काम किया जा सकेगा। इस संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पूरे देश की मेट्रो कंपनियों को आदेश दिया है।
डीएमआरसी को एनजीटी की ओर से जारी किए गए एक नोटिस में 13 सितंबर तक रिपोर्ट तलब की गई है। इसमें दिल्ली मेट्रो के पिलर से गिरने वाले पानी की बर्बादी को देखते हुए ये नोटिस जारी किया गया है।
इसके लिए दिल्ली मेट्रो के सुझाए मॉडल पर भी काम करने की बात भी कही गई है। इस आदेश के अनुपालन के लिए सभी राज्यों के मुख्य सचिव को भी एनजीटी ने कॉपी भेजी है। दिल्ली मेट्रो खुद भी अपनी अनुपालन रिपोर्ट 13 सितंबर तक एनजीटी को देगी।
भूगर्भ जल स्तर तेजी से आ रही कमी को देखते हुए एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि वर्षा जल संचयन के लिए बने पिट को पूरे देश में मेट्रो कंपनियां उपयोगी बनाएं।
एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पूरे देश में मेट्रो लाइन पर बारिश के बहुमूल्य पानी के संरक्षण के लिए जरूरी उपाय करने का आदेश दिया है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बारिश के पानी की बर्बादी के संबंध में यह आदेश पूरे देश की मेट्रो कंपनियों को दिया है। इस मामले में दिल्ली मेट्राे ने 31 अगस्त तक सभी वर्षा जल संचयन के लिए बने पिट को उपयोगी बनाने की बात कही है
हरपाल सिंह राना याचिकाकर्ता के रूप में एनजीटी में शिकायत की है कि दिल्ली में कई जगह मेट्रो बारिश के पानी को अपने पिलर्स के पास चार इंच चौड़े पाइप से गिराती है। इससे जहां बारिश का पानी सड़क पर फैलता है, वहीं इससे पानी की बर्बादी भी होती है। कई बार यह ट्रैफिक जाम, सड़क टूटने और दुर्घटना की भी वजह बनता है।
हरपाल सिंह राना की इस शिकायत की जांच के लिए एनजीटी ने संयुक्त जांच समिति का गठन किया है। समिति की जांच रिपोर्ट में बारिश के पानी की बर्बादी की जानकारी के बाद दिल्ली मेट्रो ने अपने पिट ठीक कराने की बात कही है।
इस संबंध में दिल्ली मेट्रो का कहना है कि जहां भी संभव है, वहां रिचार्ज पिट बनाए गए हैं जबकि कई जगहों पर जगह की कमी की वजह से इनका निर्माण नहीं हो सका है।
एनजीटी को दिल्ली मेट्राे के अलग-अलग रूट पर इस प्रकार के 402 पिट निर्माण की जानकारी भी दी गई। एनजीटी मेंबर जस्टिस सुधीर अग्रवाल के साथ डॉक्टर अफरोज अहमद ने अपने आदेश में कहा है कि वायडक्ट से पाइप नीचे लाने और उचित गहराई का उपयोग करते हुए पिट बनाने का काम तकनीकी रूप से व्यापक हैं। ऐसे में दिल्ली मेट्रो खुद इस काम को 31 अगस्त तक पूरा कराए।