नयी दिल्ली : 21 जनवरी (वार्ता) कोलकाता में सम्मेलन की अनुमति नहीं दिए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राज्य की ममता सरकार की तुलना आैरंगजेब और बाबर की हुकूमत से कर डाली। mamta
संघ के मुखपत्र ‘अार्गेनाइजनर’ ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर धार्मिक भेदभाव की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए लिखा है कि उनके काम करने की शैली मुगल शासक बाबर और औरंगजेब जैसी हो चुकी है ।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कोलकाता में 14 जनवरी को हिन्दू सम्मेलन आयोजित करने की राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी जिसे ममता सरकार ने खारिज कर दिया ।
सम्मेलन को संघ प्रमुख सर संघचालक मोहन भागवत संबोधित करने वाले थे।
संघ का कहना है कि राज्य सरकार ने जो काम किया है वह मुगल शासन जैसा है जिसमें धर्म के आधार पर हमेशा भेदभाव किया जाता रहा और कुछ लोगों के सनकीपन का प्रमाण था।
आर्गेनाइजर ने आगे लिखा है कि संघ जैसे एक राष्ट्रीय संगठन को सम्मेलन करने की अनुमति के लिए यदि अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़े तो यह न सिर्फ भेदभाव की मिसाल है बल्कि कई मायने में बेहद खतरनाक भी है ।
संगठन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और वामपंथियों की तरह पश्चिम बंगाल सरकार भी धर्म के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने पर उतर गयी है यह न सिर्फ हिन्दू विरोधी है बल्कि राष्ट्रविरोधी भी है। राज्य सरकार का सम्मेलन करने की अनुमति न देेना असंवैधानिक होने के साथ ही सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ भी है।