अहमदाबाद : पाटीदारों के नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात में भाजपा को खत्म करने का एलान किया है। हार्दिक पटेल ने बताया कि 2017 में वो भाजपा को गुजरात में खत्म कर देंगे। Hardik patel
हार्दिक ने कहा, ”एक बात मैं साफ कर देता हूं कि मैं भाजपा को गुजरात से समाप्त कर दूंगा।
हम पटेल ही भाजपा को सत्ता में लाए थे और हम ही उन्हें धूल चटाएंगें। किसान के बेटे के रुप में मैंने गुजरात से यह वादा किया है।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ जाने के सवाल से हार्दिक बचते दिखे।
कुछ समय पहले आरक्षण के लिए हार्दिक ने एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया था। हार्दिक पटेल ने कहा कि मोदी सरकार मुझसे डरी हुई है।
लेकिन मोदी और अमित शाह की तरह ना ही मुझे कुछ छुपाने की जरुरत है और ना ही किसी से डरने की जरुरत है। अपने ऊपर लगे रोजद्रोह के आरोप पर बोलते हुए हार्दिक ने कहा, ”आप किसी पर राजद्रोह का आरोप लगाने से ज्यादा बुरा और कुछ नहीं कर सकते।
सरकार ने मुझ पर पहले राजद्रोह का आरोप लगाया फिर 9 महीनों पर मुझे जेल में रखा। इससे मैं और टूटा नहीं हूं बल्कि और मजबूत हुआ हूं। मुझे देश की जनता का साथ मिला रहा है। मेरी उम्र के युवा मेरे साथ हैं। इससे ज्यादा सरकार और मेरे साथ क्या कर सकती है।”
भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी जनता के प्रतिनिधित्व का दावा करती है लेकिन सच्चाई यह नहीं है। मेरे परिवार ने भी बीजेपी को जिताने के लिए कड़ी मेहनत की थी लेकिन बीजेपी उन लोगों को भूल गई।
बीजेपी अब उनका प्रतिनिधित्व नहीं करती है। हार्दिक के कहा कि वो आरक्षण मांग रहे हैं कोई भीख नहीं मांग रहे। मैं सिर्फ सरकारी नौकरियों और दाखिलों में पाटीदारों को समान अवसरों की मांग कर रहा हूं।’
भारत के विकास के लिए हार्दिक ने आरक्षण को जरुरी मानते हुए कहा है कि ‘नहीं, यह झूठ है कि मैं एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ हूं। मैं मानता हूं कि देश के विकास के लिए आरक्षण जरूरी है।’
हार्दिक पटेल ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा। बजट पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री कहते हैं कि यह बजट देश की जनता के लिए है लेकिन बजट को ऐसी भाषा में पेश किया गया है जिसे देश की 97 प्रतिशत जनता नहीं समझती।
हार्दिक पटेल ने बजट पर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी निशाना साधा। वह कहते हैं, ‘आखिर किसके लिए है यह बजट? जेटली कहते हैं कि यह जनता का बजट है।
अगर यह जनता का बजट है तो ऐसी भाषा में क्यों जिसे 97 फीसदी जनता नहीं समझती?’ हार्दिक ने साफ किया कि ना ही उन्हें अंग्रेजी समझ में आती है और ना ही वो अंग्रेजी बोलते हैं। जनता ऐसे नेताओं से परेशान हो चुकी है जो वादे करके वोट लेते हैं और काम नहीं करते।