पर्यावरण संकट का सामना करने के लिए आईआईटी बॉम्बे के एक पूर्व छात्र ने अपने इंस्टीट्यूट को 18.6 मिलियन डॉलर यानी करीब 160 करोड़ रुपये दान किये हैं। इस छात्र ने अपना नाम न बताये जाने की शर्त भी रखी है।
देश ही नहीं दुनिया के लिए जलवायु संकट इस समय सबसे ज़्यादा चिंता का विषय है। क्लाइमेट क्राइसिस ने सभी के भविष्य को संकट में डाल दिया है। जागरूक जन बढ़ते पर्यावरण संकट से परेशान होने के साथ इसके उद्धार में अपना योगदान देने में जुटे हैं।
इसी क्रम में आईआईटी बॉम्बे के एक पूर्व छात्र ने सभी को हैरान कर दिया है। इस पूर्व छात्र ने अपने इंस्टीट्यूट को 18.6 मिलियन डॉलर की राशि दान की है जो भारतीय मुद्रा में तक़रीबन 160 करोड़ रुए के बराबर है।
इस राशि से बनने वाला ग्रीन एनर्जी एंड सस्टेनेबिलिटी रिसर्च हब पर्यावरण और जलवायु संकट के लिए काम करने वाला एक बड़ा सेंटर होगा।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए आईआईटी बॉम्बे के निदेशक प्रोफेसर सुभाशीष ने कहा कि हम अपने पूर्व छात्रों की उदारता के लिए बेहद आभारी हैं। इस राशि के उपयोग के लिए उनका कहना है कि आईआईटी बॉम्बे इस रकम से हरित ऊर्जा और स्थिरता अनुसंधान केंद्र (Green Energy And Sustainability Research Hub) बनाएगा।
उनके अनुसार इस अनुसंधान केंद्र में जलवायु संकट, ग्रीन एनर्जी और पर्यावरण संकट से निपटने के लिए रिसर्च वर्क किया जाएगा। इसके अलावा भविष्य में पर्यावरण सम्बन्धी समस्याओं से निपटने और उनके सुधार सम्बन्धी अन्य योजनाओं पर भी काम किया जायेगा।
आईआईटी बॉम्बे के निदेशक प्रोफेसर सुभाशीष का कहना है कि ग्लोबल क्लाइमेट क्राइसिस के समाधान के लिए आईआईटी बॉम्बे का योगदान सबसे आगे रहेगा। उनका कहना है कि इस राशि से बनने वाला ग्रीन एनर्जी एंड सस्टेनेबिलिटी रिसर्च हब पर्यावरण और जलवायु संकट के लिए काम करने वाला एक बड़ा सेंटर होगा।
अपने इस मिशन को बेहतर रूप से संचालित करने के लिए आईआईटी बॉम्बे ने ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए एचएसबीसी के साथ साझेदारी की है। उनका कहना है कि इस साझेदारी से सरकार के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।