न्यूकैसल: एक नए अध्ययन में पाया गया है कि एनर्जी ड्रिंक की आदत, बच्चों में हिंसा और लत सहित चिंता, तनाव, अवसाद जैसे व्यवहार के बढ़ते जोखिम से जुड़ी है।
यूके में न्यूकैसल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, अध्ययन में यह भी पाया गया कि ऊर्जा पेय की बढ़ती खपत शैक्षणिक प्रदर्शन, नींद की समस्याओं और अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों से जुड़ी थी।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि लोग जितना अधिक एनर्जी ड्रिंक पीते हैं, उन्हें उतनी ही कम नींद आती है।
अध्ययन की सह-लेखिका डॉ. शेलिना विसराम ने कहा कि शोधकर्ता उन निष्कर्षों से बहुत चिंतित हैं, जो बताते हैं कि ऊर्जा पेय मनोवैज्ञानिक तनाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। ये महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
A new study in @BMJ_Open reveals energy drinks have been linked to poor sleep quality 😴 and insomnia among college students. Even just occasional drink is linked to a heightened risk of disturbed sleep. 🔋 Read more here: https://t.co/p6OhjJplUL pic.twitter.com/bJEWpIjw2H
— BMJ (@bmj_company) January 23, 2024
डॉ. शेलिना ने कहा कि तेजी से फैल रहे शीतल पेय बाजार पर कार्रवाई करने का समय आ गया है। शोधकर्ताओं ने ब्रिटिश सरकार से 16 साल से कम उम्र के बच्चों को ऊर्जा पेय की बिक्री पर रोक लगाने का आग्रह किया है, क्योंकि वे पानी से सस्ते हैं।
शोध समीक्षा में वैज्ञानिकों ने 57 अध्ययनों के स्वास्थ्य डेटा की जांच की। इन अध्ययनों में 21 से अधिक देशों के 1.2 मिलियन से अधिक बच्चों और किशोरों ने भाग लिया।
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि 18 से 35 वर्ष की आयु के लोग जो रोजाना एनर्जी ड्रिंक पीते थे, उनकी नींद की अवधि उन लोगों की तुलना में आधे घंटे कम हो गई, जो कभी शराब नहीं पीते थे या कभी-कभार पीते थे।