स्टॉकहोम में होने वाले इस वर्ष के नोबेल पुरस्कार समारोह का आयोजन 10 दिसंबर को किया जाएगा। नोबेल फाउंडेशन का कहना है कि पुरस्कार समारोह में रूस, बेलारूस और ईरान के राजदूतों को आमंत्रित नहीं किया जाएगा। पिछले साल भी रूस और बेलारूस को समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था।
नोबेल फाउंडेशन ने नोबेल अवार्ड में तीनों देशों को आमंत्रित न करने की घोषणा की। दूसरी तरफ स्वीडन के विरोध के बाद इन तीन देशों को आमंत्रित करने का फैसला बदल दिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नोबेल फाउंडेशन के फैसले पर स्वीडिश राजनीतिक दलों ने समारोह का बहिष्कार करने की बात कही थी।
सांसदों का कहना था कि रूस द्वारा यूक्रेन पर जबरन थोपे गए युद्ध और ईरान में हिजाब विरोधी महिला प्रदर्शनकारियों तथा मानवाधिकारों पर की जा रही कार्रवाई के बाद भी इन देशों को निमंत्रित किया गया है।
शुक्रवार को स्वीडिश सांसदों ने अपनी बात रखते हुए खुले तौर पर स्पष्ट कहा कि राजधानी स्टॉकहोम में होने वाले इस साल के नोबेल पुरस्कार समारोह का बहिष्कार करेंगे।
The #NobelFoundation announced that it would not invite the ambassadors of #Russia, #Belarus and #Iran to attend the #NobelPrize awards ceremony this year, reversing an earlier decision after widespread criticism. pic.twitter.com/E449oZKP0m
— ET NOW (@ETNOWlive) September 3, 2023
यूक्रेनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेह निकोलेंको ने इस फैसले को मानवतावाद की जीत कहा है। उनका कहना है कि स्वीडन में समारोह के बाद नॉर्वे में होने वाले समारोहों में रूसी और बेलारूसी राजदूतों की उपस्थिति के संबंध में एक समान निर्णय लिया जाना चाहिए।
नोबेल पुरस्कार 2023 समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा, विभिन्न क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा अक्टूबर में की जाएगी।
गौरतलब है की पिछले साल भी यूक्रेन पर हमले के कारण रूस और बेलारूस को समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था।